भागवत कथा का समापन , हुई महाआरती
देवरिया के भलुअनी थाना क्षेत्र मरकड़ा मिश्र गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का शुक्रवार को समापन हो गया।श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या से आए कथा वाचक नरहरि महाराज ने बताया कि एक बाद परीक्षित ने भगवान सुखदेव से पूछा कि दत्तात्रेय ने कौन कौन से गुरू बनाए थे। भगवान सुखदेव ने बताया कि दत्तात्रेय ने सबसे पहले पृथ्वी को गुरू बनाया क्योंकि इससे शिक्षा मिलती है कि पृथ्वी कितनी धैर्यवान व सहनशील है। बताया कि मछली जीभ के चक्कर में काटे में फंस कर मर जाती है। इस प्रकार साधक को शिक्षा लेनी चाहिए कि जीभ पर नियंत्रण रखे।
परीक्षित दत्तात्रेय ने इसी प्रकार 24 गुरू बनाए और उनसे सीख ली कि मनुष्यों को इंद्रियों के पांच विषय से दूर रहता चाहिए। पांच विषय गंध, स्पर्श, रस, रूप और शब्द मनुष्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। कथा के समापन पर महाआरती का आयोजन किया गया। इसके पश्चात प्रसाद वितरण तथा श्रद्धालुओं को कथा वाचक ने आशीर्वाद दिया।
इस दौराना ध्रुवनाथ मिश्र , हृदयाशंकर मिश्र शंकर मिश्र दिवाकर मिश्र, कमलाकर मिश्र, भावेश , हरिशंकर, टिकू सन्नी ,आकाश ,शिवम शौर्य विनायक, देवाशं ,रिकू , झब्बर, विमला पाठक, गीता ,सपना ,रीना, महिमा, जया, पूजा, अनामिका, मिठ्ठी, गौरी, आदि शामिल रहीं।
रिपोर्टर: दुर्गेश जायसवाल
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