बुधवार को इन नियमों से करें उपवास, मिलेगा सुख, वैभव और सम्पन्नता
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हिन्दू धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश जी को समर्पित होता है। इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान गजानन का पूजन किया जाता है। इसके अलावा बुधवार के दिन को बुध ग्रह का भी दिन माना जाता है और कहते हैं कि यदि घर में कलेश या परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो बुध ग्रह के पूजन से राहत मिलती है।
बुधवार के दिन उपवास करने से ग्रह का अशुभ प्रभाव दूर करने के साथ ही धन लाभ भी होता है। लेकिन ध्यान रखें बुधवार के व्रत में कुछ नियमों का पालन करना नितांत आवश्यक है। यदि आप बुधवार को व्रत करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि यह व्रत किसी भी शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से शुरू किया जा सकता है। हालाँकि अभी शुक्ल पक्ष ही चल रहा है लेकिन पहला बुधवार गुज़र चुका है। अतः अगले शुक्ल पक्ष में आप व्रत की शुरुआत कर सकते हैं।
बुधवार व्रत के नियम:
1. बुधवार के व्रत की संख्या 21 या 41 होती है। ध्यान रखें कि इस व्रत में नमक खाना वर्जित है। अतः इसमें आपको मीठा या फीका भोजन ही करना होगा।
2. व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर पूजा घर में बुध यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से उसकी पूजा करें.
3. इस दिन भोजन के रूप में मूंग की दाल की पंजीरी या हलवा का भोग लगाकर उसे प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाता है। इसके बाद शाम को व्रती स्वयं यह प्रसाद लेकर व्रत खोलता है। लेकिन ध्यान रखें कि भोजन का सेवन करने से पहले दान करें और इस दिन बुध संबंधी वस्तुओं को दान किया जाता है।
4. व्रत में भोजन ग्रहण करने से पहले हरी इलायची और कपूर मिश्रित जल से बुध देवता को अर्घ्य दें।
5. व्रत के दिन बुध मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाये नम:” का 9,000 बार या 5 माला जप करें।
6. अंतिम व्रत के दिन मस्तक पर सफेद चंदन और हरी इलायची घिसकर लगाएं। इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।
7. अंतिम बुधवार के दिन बुध मंत्र से हवन करके पूर्णाहुति देकर ब्राह्मणों को मीठा भोजन कराएं और दान दें, तभी व्रत का उद्यापन पूरा माना जाता है।
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