नासै रोग हरे सब पीरा- जानिए हनुमान चालीसा के अद्भुद रहस्य

हनुमानजी के बारे मे कौन नहीं जानता है.और इनके चमत्कार के बारे मे हर कोई जानता है. हनुमानजी के बारे मे उल्लेख रामायण के अंदर मिलता है. कहा जाता है कि वे रूद्र के 11 वें अवतार थे और राम की मदद करने के लिए धरती पर अवतरित हुए थे. हनुमानजी उन संतों मे से एक थे जिनको अमरत्व मिला था. ‌‌‌हनुमानजी ने ही राम की लंका पर विजय प्राप्त करने मे काफी मदद की थी. राम जब वन वन मे भटक रहे थे तब हनुमानजी ने ही सुग्रीव से उनकी मित्रता करवाई थी. गणना के अनुसार हनुमान जी का जन्म 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेतायुग के अन्तिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे भारत देश में आज के झारखण्ड राज्य के गुमला जिले के आंजन नाम के ‌‌‌एक गांव के अंदर हुआ था. ‌‌‌हनुमानजी बचपन से ही बलशाली और महाप्राक्रमी थे . जिनके बारे मे अनेक कथाएं प्रचलित हैं.
हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास की काव्य रचना है. कहा जाता है कि नियमित रूप से इसका जाप करने से जीवन की बाधाएं और बड़े से बड़े संकट दूर हो जाते हैं. यदि आप रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ नहीं कर पाते तो प्रत्येक मंगलवार और शनिवार के दिन इसका पाठ जरूर करें. हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी हो सकती है। ऐसी मान्यता है कि कलियुग में एक मात्र हनुमान जी ही जीवित देवता हैं. ये अपने भक्तों और आराधकों पर सदैव कृपालु रहते हैं और उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं. हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में कई तरह के चमत्कारी बदलाव देखने को मिलेंगे. चलिए जानते हैं हनुमान चालीसा का पाठ करने से कौन से फायदे मिलते हैं... 


आध्यात्मिक बल 
 कहते हैं कि आध्यात्मिक बल से ही आत्मिक बल प्राप्त होता है और आत्मिक बल से ही हम शारीरिक बल प्राप्त करके हर तरह के रोग से लड़कर उस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं. प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन और मस्तिष्क में आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है. हनुमान जी को बल, बुद्धि और विद्या के दाता कहा जाता है, इसलिए हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करना आपकी स्मरण शक्ति और बुद्ध‍ि में वृद्ध‍ि करता है.

मनोबल बढ़ाती है हनुमान चालीसा 
 नित्य हनुमान चालीसा पढ़ने से पवि‍त्रता की भावना का विकास होना है हमारा मनोबल बढ़ता है. उल्लेखनीय है कि जनता कर्फ्यू के दौरान घंटी या ताली बजाना या लॉकडाउन के दौरान दीप जलाना, रोशनी करना यह सभी व्यक्ति के निराश के अंधेरे से निकालकर मनोबल को बढ़ाने वाले ही उपाय थे. मनोबल ऊंचा रहेगा तो सभी संकटों से निजात मिलेगी. हनुमान चालीसा की एक पंक्ति हैं- अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, असवर दिन जानकी माता.

हर तरह का संकट मिटता 
 आप किसी भी प्रकार का शारीरिक संकट या मानसिक संकट आया हो या प्राणों पर यदि संकट आ गया हो तो यह पंक्ति पढ़ें- संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा. या संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै। यह आपके भीतर नए सिरे से आशा का संचार कर देगी.

 बुराइयों से दूर करती है हनुमान चालीसा 
 यदि आप नित्य हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं तो निश्‍चित ही आप धीरे धीरे स्वत: ही तरह तरह की बुराइयों से दूर होते जाएंगे. जैसे कुसंगत में रहकर नशा करना, पराई स्त्री पर नजर रखना और क्रोध, मोह, लोभ, ईर्ष्या, मद, काम जैसे मानसिक विकार को पालन. जब व्यक्ति तरह की बुराइयों से दूर रहता है तो धीरे-धीरे उसकी मानसिक और शारीरिक सेहत सुधरने लगती है.

हनुमान चालीसा के फायदे
आर्थिक संकट से आपको मुक्ति पाने के लिए नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमान जी को अष्टसिद्धि और नवनिधि का दाता माना जाता है. मान्यता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करता है. उसकी हर मनोकामना हनुमान जी पूरी करते हैं चाहे वह धन संबंधी इच्छा ही क्यों न हो. छात्रों को नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. कहा जाता है कि छात्रों को हनुमान चालीसा का पाठ करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है और शिक्षा के क्षेत्र में कामयाबी मिलती है. हनुमान चालीसा के अनुसार 'विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर. ' यानी हनुमान जी स्वयं बुद्धिमान, गुणी और चतुर हैं. इसीलिए छात्रों को इसका पाठ अवश्य करना चाहिए.

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