सावन में चाहते हैं भगवान शिव को खुश करना तो भूल कर भी न करें ये काम

भगवान भोलेनाथ का पावन दिन सावन आने वाला है , जिसका इंतज़ार भक्तो  को बेसब्री से रहता है। ये वो महिना है जिसमे भक्त भगवान शिव की बड़ी ही निष्ठा और श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना करते हैं भगवान  शिव को बेहद प्यार देते हैं  सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है.भक्त शिव जी को खुश रखना चाहते हैं और उनसे  खूब सारा आशीर्वाद पाना चाहते हैं। वो चाहते हैं  कोई ऐसी गलती न जो जिससे बाबा भोले  रूठे तो आज आपको बताएँगे सावन मे किन कामों करना चाहिए और किन कामों को करने से बचना चाहिए। 

सावन मास में क्या काम करना चाहिए- 

1- सावन मास में भगवान शिव की पूजा के समय उनका अभिषेक करना कभी न भूलें, ऐसा करने से आप विशेष लाभ से वंचित रह सकते हैं। भगवान शिव की पूजा करते समय हमेशा उनका ध्यान करें और मन ही मन ओम नमः: शिवाय का जप करते रहें, ऐसा करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं।

2-सावन मास में भगवान शिव की प्रिय चीज बेलपत्र, धतूरा आदि अवश्य अर्पित करें और भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती व पूरी परिवार की पूजा जरूर करें। सांयकाल में भी पूजा-आरती करना न भूले। सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है इसलिए इस दिन व्रत रखें और भगवान शिव का ध्यान करते रहें। अगर संभव हो सके तो रुद्राभिषेक भी अवश्य करें।

3- अगर आप रुद्राक्ष धारण करने के बारे में सोच रहे हैं तो सावन महीने से बेहतर आपको कोई और दिन नहीं मिलेगा। इस मास में रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक माना जाता है। साथ ही सावन के महीने में दूध या दूध से बनी चीजें जैसे घी, दही आदि का दान कर सकते हैं। सावन मास में एक बात का विशेष ध्यान रखें कि घर की हर रोज सफाई करें और साफ वस्त्र धारण करें।

सावन मास में क्या काम नहीं करना चाहिए-

1- सावन मास में प्याज व लहसुन जैसे तामसिक भोजन न करें और मांस व शराब का सेवन न करें, ऐसा करने से भगवान शिव नाराज होते हैं। साथ ही इस मास में दोपहर के समय सोना और कांसे के बर्तन में भोजन करना शास्त्रों में वर्जित बताया गया है, ऐसा करने से जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

2- सावन मास में शरीर पर तेल मालिश करना पूरी तरह वर्जित बताया गया है। साथ ही संभव हो सके तो दाढ़ी व बाल न कटवाएं। साथ ही ध्यान रखें कि भगवान शिव का न तो हल्दी से अभिषेक करें और न ही तुलसी दल अर्पित करें, ऐसा करने से अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।

3-  सावन मास में ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करनें अन्यथा अगले जन्म में पशु योनी में जन्म लेना पड़ सकता है। इस मास में देर तक सोने की आदत को छोड़कर जल्दी उठें और शिवजी की पूजा करें क्योंकि सावन मास में शिव और भक्त के बीच की दूरी कम हो जाती है। साथ ही किसी भी व्यक्ति का अपमान न करें अन्यथा शिव भगवान नाराज हो सकते हैं।

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