इगलास में देशी शराब का ठेका दिखावे को बंद रहता है, जब चाहो शराब लो

अलीगढ़ :  इगलास नगर में स्थित देशी शराब का ठेका यूं तो रात्रि को दस बजे बाद बन्द दिखाई देता है लेकिन शराब मिलना बन्द नहीं होती है। जब भी शराब पीने की तलब लगे चले आइयें और खिडकी में पैसा डालो शराब ले जाइये। आवकारी अधिकारी हो या स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी किसे से नहीं छुपा है कि ठेका बन्द रहते भी काउन्टर खिडकी से देर सवेर देशी शराब बेची जाती है। देशी शराब के बराबर कैंटीन सुबह 6 बजे खुल जाती है जबकि ठेका खुलने का समय दस बजे है,आखिर कैंटीन पर ऐसा क्या बिकता है ? इगलास नगर व क्षेत्र में जहां कभी कई कोसों दूर तक शराब की दुकानें दिखाई नहीं पड़ती थी। आज कल थोड़ी थोड़ी दूरी पर शराब की दुकानें खोल दी गई है। एक ओर तो सरकारें देश व प्रदेश को खुशहाल व उत्तम देश प्रदेश बनाने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी ओर गांव गांव शराब के ठेके देकर लोगों को भुखमरी के कगार पर खड़ा करने का काम किया जा रहा है। इतना ही नहीं गांव गांव में झगड़े फसाद की जड़ ही शराब है। इगलास नगर में मुख्य चौराहा से लेकर अलीगढ़ मथुरा मार्ग पर करीब चार शराब के ठेका व दो बीयर की दुकानें हैं। तथा चौराहा से सराय बाजार के बीच दो पैंठ भी लगाती है। चौराहा के निकट सोमवार की पैंठ है तो सराय बाजार में गुरुवार की पैंठ लगती है। इन दोनो पैंठ के बीच शराब के ठेका होना ठीक नही है क्योंकि पैंठ को आने जाने वाली नगर व ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को शराब के ठेकाओं पर शराबियों के उत्पात, अश्लील गालियां को सुनने देखते गुजरना पड़ता है। काल्पनिक नाम रामलाल, श्यामलाल ने बताया कि इगलास से सराय बाजार स्थित देशी शराब का ठेका दिखावे को तो रात को दस बजे बाद बंद हो जाता है। लेकिन ठेके के अंदर वाले सेल्समैनों को आवाज दो, देर सवेर काउंटर खिड़की पर पैसा दो शराब लो। बताया गया है आखिर शराबी रात सोते हैं या नहीं। प्रातः पांच बजे देशी शराब ठेका से शराब खरीदते हुए शराबियों को देखा गया है। देशी ठेका खुलने का समय दस बजे है लेकिन वहां स्थित कैंटीन सुबह 6 बजे खुल जाती है ऐसा कैंटीन पर क्या बेचा जाता है ? जो 6 बजे ग्राहकों के लिए कैंटीन खोलनी पड़ती है।

रिपोर्टर : इंद्रजीत प्रेमी 

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