सरकारी अनुदान से चल रही गौशालाओं में भूख प्यास से तड़फ रहे गौवंश

इगलास :   इगलास क्षेत्र में गौवंशो की दुर्दशा को देख आम आदमी का हृदय भी पसीजने लगेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री गौवंशो की देख भाल व खाने पीने हेतु तमाम गौशालाये तो स्थापित करायी हैं। किन्तु इस ओर ध्यान नहीं दिया गया कि गौशालाओं के संचालको को भेजी जा रही गौवंशों के खाने पीने आदि को धन राशि कहां है गौवंशो की आये दिन गौशालाओं में भूख प्यास से तडफते हुये मौत हो रही हैं। मृत गायों को कई-कई दिन दफन भी नहीं करायी जाती है उनके मृत शरीर को कुत्ते नोचते हैं। बताते हैं कि इगलास क्षेत्र में शायद ही कोई ऐसी ग्राम पंचायत हो कि जिसमें गौशाला स्थापित नहीं करायी गयी हो। प्रदेश के मुख्यमंत्री के सख्त आदेश होते हुये की, गायों की सेवा भली भांति की जाये। गौवंशों के खाने पीने व रहने के लिए जो गौशालायें बनाई गई हैं उन गौशालाओं में गौवंशो को भरपूर खाना पानी आदि सुविधा दी जाये। लेकिन देखा यह जा रहा है कि अधिकांश गाय गली मोहल्लों व सड़क तथा जंगलो में भूखी प्यासी भटक रही हैं। इगलास में हाथरस मार्ग पर स्थित गांव मोहनपुर के समीप स्थित गौशाला में गायों की दुर्दशा को देख आम आदमी का हृदय भी पिघलने लगेगा। लेकिन इस गौशाला का संचालक दिखावे को तो संत बनता है लेकिन गौशाला में गौवंशो के लिए न तो खाने पीने का अच्छा प्रबन्ध है न रहने को अच्छी व्यवस्था लेकिन अपने रहने की व्यवस्था व सुख सुविधा में कोई कमी नही है। भूख और प्यास से आये दिन गौवंश मरते तो है दफन भी कई दिन तक नही होते, कुत्ते गौवशों के मृत शरीर को नोचते रहते हैं। बताते है कि इस गौशाला की करीब 80 बीघा जमीन है यदि उस जमीन से चारा किया जाये तो चार अन्य गौशालाओं की भी पूर्ति हो सकती है। इसी गौशाला को जाने वाले मार्ग पर करीब दो सौ मीटर पहले गौ सेवा भक्ति भाव से निजी एवं इगलास नगर के गौभक्तों के सहयोग से चलायी जा रही गौशाला में गायों  के नहाने को समर व बरामदों में पंखे लगे हैं। इस गौशाला में गौवंशो की सेवा को देख हर आदमी की जुवा पर एक ही शब्द है कि सही मायने में सच्ची गौ सेवा तो राधा कृष्ण मडोरा के नाम से चल रही गौशाला में हो रही है। जिसके अध्यक्ष योगेश अग्रवाल (लट्टो), महेश चन्द्र अग्रवाल (चाचा), राजन लाल आदि ने भारी प्रयासों से स्वयं के धन के अलावा नगर के सहयोग से बिना सरकारी सहायता के गौशाला चल रही है, जहां गाय आनन्दमय हैं। सरकार के अनुदान से संचालित गौशालायें गौवंशों के लिए नरक मय सिद्ध हो रही है। प्रशासन इस ओर से वेखबर है।
 
रिपोर्टर : इन्द्रजीत प्रेमी 

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