एक दुकान की मोनोपाली ना चलाए-स्कुल में ही काउंटर लगा कर पालकों को उपलब्ध कराए किताबे

अलीराजपुर  :  निजी विद्यालय संगठन द्वारा आज कलेक्टर श्री अभय बेडेकर से मुलाकात कर नगर की स्कुलो पर लगाए दंड के सम्बध में अपना पक्ष रखा। साथ ही संगठन ने ज्ञापन सौप कर विभीन्न मांगे भी प्रशासन के सामने रखी है। जिस पर कलेक्टर ने भी आवश्यक निर्देश देते हुए सभी निजी स्कुलो के संचालको को सख्त लहेजे में कहा की आप एक ही दुकान की मौनोपाली ना चलाए। जिससे पालक परेशान होते है। अपनी अपनी स्कुल में ही काउंटर लगा कर पालको को आवश्यकतानुसार किताबे उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करे।
क्या है ज्ञापन मे-
निजी विद्यालय संगठन के बैनरतले दिए गए ज्ञापन में निम्न।

मांगे रखी गई-

01. दिनांक 05/07/2024 को जिले के चार विद्यालयों पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाया गया है, उक्त विषय में एसोसिएशन का निवेदन है कि जो आदेश पारित किया गया है वो एक पक्षीय आदेश हैं, अतः संस्थाओं को अपना पक्ष रखने का एक अवसर प्रदान किया जावे।
02. प्रशासन सभी पुस्तक विक्रेताओं को आदेशित करें कि संस्थाओं ‌द्वारा उन्हें दी गई छब्म्त्ज् एवं मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम की पुस्तके उपलब्ध करावे। एसोसिएशन सभी विद्यालयों की ओर से आपको आश्वस्त किया जाता है कि एक माह पूर्व सभी वि‌द्यालयों की सूचि श्रीमान की सेवा में प्रस्तुत कर दी जावेगी।
03. 16 जून 2024 को माननीय मुख्यमंत्री जी के सम्मुख प्रदेश कार्यसमिति के प्रस्ताव के अनुसार कोई भी पाँच गणवेश एवं उसके लिए दुकानदार भी शासन ही तय कर दे जिससे दुकानदारो की मोनोपाली भी नही रहेगी और पालको को गणवेश के लिए भटकना भी नही पडेगा।
04. प्रशासन द्वारा किए जाने वाले पत्राचार ईमेल के माध्यम से भेजे जाए एवं उसकी पुर्ती हेतु आवश्यक समय भी दिया जाए।पालको द्वारा फिस ना भरे जाने पर विद्यालय द्वारा टीसी दिए जाने के मामले में, विद्यालय का पक्ष भी सुना जावे।
कलेक्टर की दो टुक- पालक ना हो परेशान
पुरे मामले में कलेक्टर श्री अभय बेडेकर ने दो टुक बोलते हुए कहा की आप किसी भी किताब को चलाने के पहले पालको से भी चर्चा कर लेवे। हमारा उद्देश्य दुकानो की मोनेपाली खत्म करना है, दुकानदार एक किताब या दो किताब लेने पर भी पुरा सेट लेने के लिए दबाव बनाता है, जो की गलत है। जिस पर निजी विद्यालय संगठन ने भी सहमति जताते हुए इस प्रकार की घटना को गलत ठहराया। कलेक्टर से साफ शब्दो में निर्देश दिए है की आप पालको से चर्चा कर स्कुल में ही किताबो का काउंटर लगा लेवे जिससे प्रशासन को कोई आपत्ती नही है। शासन और प्रशासन की मंशा साफ है की किसी भी परिस्थिती में पालको का शोषण नही होना चाहीए।
क्या बोले संगठन के पदाधिकारी-
कलेक्टर महोदय से आज हमारे निजी विद्यालय संगठन ने चर्चा की, जिसमें हमारे द्वारा विभिन्न समस्याए बताई गई। यह बात सही है की कई स्टेश्नरी संचालको से स्कुल द्वारा किताबे रखने का कहा जाता है, किन्तु सभी सहमत नही होते है। ऐसे में माननीय कलेक्टर सर ने निर्देशित करते हुए कहा है की आप निजी विद्यालय में ही काउंटर लगा कर किताबे एमआरपी से कम या एमआरपी तक पालको को उपलब्ध करा सकते है। प्रशासन की मंशा से एवं कलेक्टर सर की इस बात से हम भी सहमत है की दुकानदार किसी भी प्रकार से पालक को परेशान ना करे, एक किताब भी यदी पालक को लेना हो तो दुकानदार एक किताब की कीमत लेकर पालक को दे, पुरा सेट या अन्य सामग्री का दबाव दुकानदार बनाता है तो यह गलत भी है और पालक इसकी सुचना हमें भी विद्यालय आकर देवे। फिस को लेकर किसी भी प्रकार कि परेशानी नही है, शासन के निर्देशानुसार ही प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत तक बडाई जा सकती है, जिसके लिए 2 माह पुर्व संबधित विभाग को सुचना देना होती है, जो विद्यालय प्रदान कर देता है।
ये थे मौजुद-
निजी विद्यालय संगठन के द्वारा कलेक्टर से चर्चा के दौरान पुरे जिले के निजी विद्यालयो के संचालकगण मौजुद रहे। इस दौरान अध्यक्ष गोविन्दा माहेश्वरी, उपाध्यक्ष समिर कुलकर्णी सचिव विरेन्द्र वाणी कोषाध्यक्ष अतुल शर्मा सहित पुर्व नगर पंचायत अध्यक्ष दिपक चैहान, पुर्व नपा उपाध्यक्ष संजय वाणी, यशवंत वाणी, कैलाश राठौड, जितेन्द्र गेहलोद, अरूण वाणी, खेमराज राठौड, रवी तवंर, गजेन्द्र राठौड, उमेश साहु असरफ खान सहित कई संचालको ने कलेक्टर से सार्थक चर्चा की।

रिपोर्टर :  विजय जैन

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.