ऐसे करें बादाम की खेती...

आज के समय में कई किसान अलग-अलग तरह की फसलों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इसी कड़ी में बादाम की खेती किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है......

ड्राई फ्रूट्स हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. इन्हीं में से एक है बादाम, जिसे लोग सबसे ज्यादा खाना पसंद करते हैं. बादाम हमारे मस्तिष्क और शरीर के लिए काफी लाभदायक होता है. जिस वजह से इसकी डिमांड भी काफी ज्यादा रहती है. ऐसे में किसान बादाम की व्यावसायिक खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं कैसे करें बादाम की खेती...

बादाम की खेती...

बादाम की खेती लिये थोड़ी सर्द और मध्यम जलवायु के साथ-साथ समतल, बलुई, दोमट चिकनी मिट्टी और गहरी उपजाऊ मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है. बता दें कि बादाम एक मध्यम आकार के पेड़ पर फल में उगता है, जिसे मिंगी यानी गिरी कहते है. इसके बाग मुख्यरूप से कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे सर्द इलाकों में  पाये जाते हैं. लेकिन अब उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में इसकी शौकिया खेती हो रही है.बादाम की खेत फलों के बाग की तरह ही तैयार किये जाते हैं. 

.सबसे पहले खेत में गहरी जुताई लगाकर समलतीकरण का काम कर लें.

.बादाम के पौधों की रोपाई के लिये 5-6 मीटर के अंतराल पर गड्ढों की खुदाई करें.

.इन गड्ढों में गोबर की सड़ी खाद या केंचुआ खाद डालकर भर दें.

.अब इन गड्ढों में पौधों की रोपाई करें और हल्की सिंचाई काम कर दें.

.ध्यान रखें कि बादाम के बीज मान्यता प्राप्त और उन्नत किस्म के होनी चाहिये, जिससे बाजार मानकों के आधार पर आसानी से बिक्री हो सके.

तुडाई का सही समय 
इस पौधे को बड़े होने में थोड़ा टाइम लगता है, इसके पौधे 6 से 7 साल के बाद फल देना शुरू करते हैं वहीं इसकी तुड़ाई फूल लगने के 8 महीना के बाद जब फल पक जाता है तब की जाती है. किसान पतझड़ के मौसम में फलों की तुड़ाई कर सकते हैं. ध्यान रहे ज्यादा बारिश के समय में इसके फलों की तुड़ाई नहीं करना चाहिए.

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