गौरवमय एवं उपलब्धियों से भरा रहा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति का 1 वर्ष का कार्यकाल

गौरवमय एवं उपलब्धियों से भरा रहा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति का 1 वर्ष का कार्यकाल।

डॉ बिजेंद्र सिंह कुलपति का आज पूर्ण हुआ उपलब्धियों भरा 1 वर्ष का कार्यकाल।

कुमारगंज/ अयोध्या: आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज, अयोध्या के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह को विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक ,कर्मचारियों व अधिकारियों ने 1 वर्ष के कार्यकाल की पूर्व संध्या पर कुलपति महोदय को बधाई देते हुए उनके एवं विश्वविद्यालय के उज्जवल भविष्य के लिए कामना की । आज दिनांक 26/03/2021 को 1 वर्ष की सफलता भरी उपलब्धियों के उपलक्ष में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार सिंह द्वारा कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह के विगत् 1 वर्ष के कार्यकाल की कुछ विशेष उपलब्धियों पर क्रमशः शिक्षा, शोध, प्रसार, प्रशासनिक क्षमता, वित्तीय संसाधन तथा प्रबंधन , भविष्य की प्राथमिकताओं एवं प्रयास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि डॉ सिंह के प्रयास से विगत् कई वर्षों से लंबित विश्वविद्यालय का मूल्यांकन अच्छे श्रेणी (बी ग्रेड) में प्राप्त होना, जलवायु परिवर्तन को देखते हुए अत्याधुनिक मौसम वेधशाला की स्थापना किया गया।

शिक्षा के क्षेत्र में कोविड-19 के विषम परिस्थितियों में समय से परीक्षा का परिणाम घोषित करना, राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के अंतर्गत शिक्षकों, विद्यार्थियों को उच्च कोटि के प्रशिक्षण, शिक्षा में शोध की सुविधाएं तथा प्रयोगशालाओं एवं शैक्षणिक क्षेत्र का विकास, राष्ट्रीय - अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थानों से अनुबंध ,सत्र 2020- 2021 से एम बी ए (एग्रीबिजनेस) का शिक्षण कार्य प्रारंभ करना, 22वे दीक्षांत समारोह का सफलतापूर्वक आयोजन ,छात्र -छात्राओं हेतु हॉस्टल का निर्माण, विश्वविद्यालय प्लेसमेंट सेल द्वारा छात्र-छात्राओं को रोजगार एवं उत्तर प्रदेश सरकार में 8 सहायक निदेशक मत्य का चयन, 70% से अधिक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं शुल्क की प्रतिपूर्ति आदि कराई गई ।
 

शोध के क्षेत्र में राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय 64 परियोजनाओं का संचालन ,जल संरक्षण हेतु जल संचयन तालाब का निर्माण और अप्रयोज्य भूमि को विकसित कर एन एस पी-6 एवं चार तालाबों का निर्माण, गेहूं, धान, चना, मटर आदि की नई प्रजाति विकसित करना, एक्सीलेंस इन राइस परियोजना का स्थापना, विभिन्न प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन, बीज एवं खाद की उपलब्धता हेतु किसान सेवा केंद्र की स्थापना ,अप्रयोज्य भूमि को विकसित कर गेहूं जौ अनुसंधान केंद्र की स्थापना, विश्वविद्यालय की शेष बची बाउंड्री वाल का निर्माण, तथा विराट किसान मेले का आयोजन किया गया।

प्रसार के क्षेत्र में विश्वविद्यालय में दो नए केवीके, केवीके बस्ती को राष्ट्रीय स्तर पर पंडित दीनदयाल अवार्ड, विस्थापित मजदूरों को प्रशिक्षित कर स्वयं का रोजगार कराना, विश्वविद्यालय के विभिन्न केंद्रों पर 22 किसान मेले का आयोजन, किसानों की जागरूकता हेतु फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना स्थापित कर नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण शिविर, कृषि बिल की भ्रामकता को दूर करना, एक जिला- एक फसल एवं एक जिला- एक उत्पाद पर कार्य किया जाना, केवीके का शुदृढ़ीकरण, कुक्कुट एवं बकरी पालन परियोजना थारू जनजाति के लिए, तथा उन्नत बीज, औषधीय मसाले, फल- फूल व सब्जियों के पौधे, पशु चिकित्सा एवं मत्स्य बीज, मौन एवं मत्स्य पालन, वर्मी कंपोस्ट , मशरूम , मृदा प्रशिक्षण संबंधी सुविधाएं आदि प्रदान किया जाना ।

प्रशासनिक प्रबंधन के क्षेत्र में विश्वविद्यालय में रिक्त पदों को भरे जाने हेतु चार विज्ञापन कर नियुक्ति की प्रक्रिया प्रगति में, आजमगढ़ में कृषि महाविद्यालय में नियुक्ति, 27 गेस्ट फैकेल्टी की नियुक्ति, शिक्षण, शोध एवं प्रसार में मानदेय पर 130 कर्मियों की नियुक्ति, श्रमिकों का विनियमितीकरण एवं आगे विनियमितीकरण की कार्यवाही प्रगति में, मृतक आश्रितो को शत-प्रतिशत नियुक्ति, शिक्षकों एवं कर्मचारियों का कैरियर एडवांसमेंट, जीपीएफ को कंप्यूटराइज किया जाना, न्यायालय के बाद- विवाद का निस्तारण आदि किया जाना विशेष रहा ।

कुलपति श्री सिंह के प्रयास से उत्तर प्रदेश सरकार ,आसीएआर नई दिल्ली से वित्तीय सहायता एवं परियोजनाएं लाई गई। तथा विश्वविद्यालय की साफ सफाई कराकर आकर्षक स्वरूप प्रदान किया गया।

अंत में कुलपति महोदय की प्राथमिकताओंएवं प्रयास पर बताया गया कि शिक्षा ,शोध और प्रसार के क्षेत्र में पारदर्शिता एवं नियमानुकूल कार्य करने का प्रयास करते हुए विश्वविद्यालय को देश के अग्रणी महाविद्यालयों में स्थापित करना होगा।

रिपोर्टर : सुनील तिवारी

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