बेलगाम हुए प्रधान सरकार को लगा रहे करोड़ों का चूना जांच में होगा बड़ा खुलासा

बदायूं :   सरकार लाख दावा करें जमीन माफिया के खात्मे की लेकिन अधिकारियों की मिली भगत के चलते इस पर अंकुश लगता दूर तक नजर नहीं आता। इस बात का खुलासा बीते दिवस जिलाधिकारी बदायूं दीपा रंजन की मौजूदगी में सहसवान में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस पर आई सर्वाधिक जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायतों ने कर ही दिया। यह और बात है कि जिलाधिकारी बदायूं ने इस संबंध में टीम बनाकर निस्तारण का आदेश दिया है। लेकिन प्रशासनिक मिलीभगत के चलते पांच वर्ष प्रधान रहने वाला व्यक्ति जन विकास को आए धन का दुरुपयोग कर अपना इतना विकास कर लेता है कि आने वाली पीढियाँ भी आराम से अपना जीवन निर्वाह कर सकें।

प्रधान के द्वारा किए गए घोटालों में उस वक्त खलबली मच गई जब ग्राम जोनेरा सहसवान निवासी नूर मुहम्मद पुत्र नवी मुहम्मद व अन्य गांव के लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर ने बीते 20 साल से गाव के प्रधान रहे व्यक्ति पर ग्राम समाज की जमीन खुर्दबुर्द करने का आरोप लगा दिया। यही नहीं उसने जबरन धन वसूली की शिकायत भी तहसील प्रशासन और पुलिस प्रशासन से भी की मगर अपराधियों की तहसील प्रशासन और पुलिस प्रशासन से गहरी पैठ होने के कारण कोई कार्रवाई संभव न हो सकी जबकि  सिर्फ दो बीघा का मालिक बीस सालों में 100 बीघा का मालिक हो कुछ कार भी खरीदीं अपना आलीशान घर भी बनवाया बच्चों की शादी में भी आला दर्जे का खर्च किया सो अलग। सवाल यह नहीं कि प्रधान ने तरक्की की सवाल यह है कि जन विकास को आए धन का दुरुपयोग कर न सिर्फ जनता बल्कि सरकार को भी चूना लगाया। यह जांच का विषय हो सकता है कि इतना रुपया प्राप्त होने के बाद भी गांव का विकास आखिर क्यों नहीं हुआ? आरटीआइ एक्टिविस्ट शमसुल हसन का कहना है कि वजीरगंज ब्लाक की ग्राम पंचायत खुर्रमपुर भमोरी प्रधान द्वारा तो भ्रष्टाचार की सभी हदों को पार करते हुए स्कूली शौचालय जो कि 4×3 की माप का बना है की सिर्फ मरम्मत में ही लगभग पचास हजार रुपये सरकारी मद से उडा लिए।

वो भी एक नहीं तीन तीन स्कूल से। वो भी तब जब सरकार नया शौचालय बनाने के नाम पर 12 हजार रुपये देती है जबकि प्रधान ने वही काम सिर्फ मरम्मत के नाम कर दस बीस नहीं पूरे 150 हजार उडा दिए। और आश्चर्य की बात तो यह है कि बीडीओ, डीडीओ, सीडीओ और जिलाधिकारी तक द्वारा सब कुछ जानते हुए इसकी सहमति भी दे दी। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इसकी आरटीआई मांगी तो कोई जवाब न बीडीओ ने दिया न डीडीओ ने ऐसी हालत में जनता को न्याय मिलेगा यह दूर की बात है ।बहरहाल उन्होंने बताया कि वह भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मंडल समन्वयक हैं और न्याय पाने के लिए न्यायालय जाने से भी कोई गुरेज नहीं करेंगे लेकिन फिलहाल उन्हें जिला प्रशासन पर पूरा भरोसा है। उन्होंने बताया कि शासन को ऐसे प्रधानों की संपत्ति की जांच अवश्य कराई जानी चाहिए और साबित होने पर शत प्रतिशत रिकवरी भी कराई जानी चाहिए, ताकि जन विकास को आए धन का दुरुपयोग रोका जा सके।

संवाददाता :  शमसुल हसन

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.