सरकारी डंडे से डराकर शिक्षा की गुणवत्ता में नहीं लाया जा सकता सुधार : रामगोविन्द

बलिया : शिक्षक सृजनकर्ता होता है। शिक्षकों पर दबाव बनाना ठीक नहीं। इन पर विश्वास करना ही बेहतर होगा। ये बातें पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने प्रेस को जारी बयान में शनिवार को कही।प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री रहे श्री चौधरी ने कहा कि कोई भी शिक्षक देर से स्कूल नहीं पहुँचना चाहता है, लेकिन कभी सार्वजनिक परिवहन का देर से चलना इसका कारण बन सकता है। कहीं रेल का बंद फाटक और कहीं घर से स्कूल के बीच की पचासों किमी की दूरी। कभी मौसम या अन्य प्राकृतिक कारण क्योंकि शिक्षकों के पास स्कूल के पास रहने के लिए न तो सरकारी आवास होते हैं न दूरस्थ इलाकों में किराये पर घर उपलब्ध होते हैं। ऑनलाइन हाजिरी से अनावश्यक तनाव जन्म लेता है और मानसिक रूप से उलझा अध्यापक कभी जल्दबाज़ी में दुर्घटनाग्रस्त भी हो सकता है। जिसके अनेक उदाहरण भी मिलते हैं। कहा कि शिक्षक को सरकारी डंडे के बल डरा धमका कर शिक्षा की गुणवत्ता को नहीं सुधारा जा सकता। बल्कि शिक्षक को यथोचित सम्मान देकर उसके द्वारा शिक्षा का प्रसार करा सकते हैं। सरकार को चाहिए कि सबसे पहले वह शिक्षकों की आशंकाओं और समस्याओ को दूर करने के दिशा में काम करे। वर्तमान सरकार शिक्षक और शिक्षा के मन्दिर को अपनी हंटर नीति से दूर ही रखे। श्री चौधरी ने डिजिटल अटेंडेंस के मुद्दे पर शिक्षकों के प्रति सहानुभूति जताई।

 

 

रिपोर्टर : विशाल साहू 

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