पत्रकार प्रदीप राज के निधन से पत्रकारों में शोक की लहर

बाराबंकी - दुनिया से रुख्सत होने वाले शख्स को जब लोग याद करके गमगीन हों तो आप समझ सकते हैं कि समाज में उस शख्स ने कितना सम्मान कमाया होगा और समाज के लिए कितने सराहनीय कार्य किए होंगे....आज बाराबंकी जिला भी एक युवा पत्रकार की मौत से गमगीन हैं पूरा जिला उस होनहार पत्रकार के द्वारा किए  गए कार्यों को याद कर रहा है....जी हाँ, दरियाबाद के रहने वाले युवा पत्रकार प्रदीप कुमार राज का हृदय गति रुकने से निधन हो गया...उनके निधन की जानकारी मिलते ही जिले के पत्रकारों में शोक की लहर दौड़ गई......प्रदीप राज की अचानक मौत ने सभी को एक गहरी आहति में डाल दिया है...उनका निधन एक युवा पत्रकार के न सिर्फ खोई गई जिंदगी का अंत करता है, बल्कि एक अच्छे और सक्रिय नागरिक की भूमिका को भी नुकसान पहुंचाता है... उनकी मौत की खबर सुनकर सभी के मन में गहरा शोक है.. रामसनेही घाट में अंतिम संस्कार हुआ, पत्रकारों ने परिवार वालों की सांत्वना दी.....प्रदीप राज ने   लखनऊ से पत्रकारिता में मास्टरडिग्री किया था जिसके बाद वो लगातार इस क्षेत्र में काम करते गए , कई संस्थानों में उन्होंने अपनी सेवा दी, अपने क्षेत्र की हर छोटी बड़ी खबर को कवर करने वो आगे रहते थे...जिले में तेज तर्रार पत्रकार के रूप में छवि थी उनकी...पिता स्टेशन मास्टर थे कॅरोना काल में उनका देहांत हो गया था, कुछ दिन बाद इसी ग़म में माता जी भी चल बसी थी....बता दें कि सरकार के आदेशों को पालन करने में हमेशा सक्रिय रहे कॅरोना के टीके भी लगवाए, बूस्टर भी लगवाया ,

रिपोर्टर नफीस अहमद

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