कर्पूर (कपूर) के चमत्कारिक फायदे और प्रभाव क्या है...अवश्य जानें

लेखिका :स्नेहा दुधरेजीया

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सफेद रंग की वो छोटीसी टिकिया हमारे लिये बोहत फायदेमंद हे। "कर्पूर या कपूर मोम की तरह उड़नशील दिव्य वानस्पतिक द्रव्य है। इसे अक्सर आरती के बाद या आरती करते वक्त जलाया जाता है ,जिससे वातावरण में सुगंध फैल जाती है, मन एवं मस्तिष्क को शांति मिलती है। कपूर को संस्कृत में कपूर, फारसी में काफूर और अंग्रेजी में कैंफर कहते हैं।

"वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र में भी इसके महत्व और उपयोग के बारे में बताया गया है। कर्पूर में कई औषधीय गुण होते है जो हमें  कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं।
इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ,कर्पूर या कपूर से आप कैसे अपनी परेशानी कम कर सकते हैं ,और कैसे आप अपने घर को भी बाधा मुक्त रख सकते हैं साथ ही अपने जन्म कुंडली के कई दोषो का भी निवारण कर सकते है।कैसे पूजा में कपूर का प्रयोग "पुण्य प्राप्ति कर सकते है। कर्पूर जलाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं के समक्ष कर्पूर जलाने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। अत: प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर (कपूर) जरूर जलाना चाहिए।

हमारे जीवन में आकस्मिक घटना या दुर्घटना का कारण राहु, केतु और शनि होते हैं। इसके अलावा हमारी तंद्रा और क्रोध भी दुर्घटना का कारण बनते हैं। इसके लिए रात्रि में हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद कर्पूर जलाना चाहिए। प्रतिदिन सुबह और शाम जिस घर में कर्पूर जलता रहता है, उस घर में किसी भी प्रकार की आकस्मिक घटना और दुर्घटना नहीं होती। रात्रि में सोने से पूर्व घर में  कर्पूर जलाने  से लाभ मिलता है। रोजाना सकारात्मक उर्जा और शांति प्राप्त करने के लिए  कपूर जलाना लाभकारी होता है। घर में यदि सकारात्मक उर्जा और शांति का निर्माण करना है तो , प्रतिदिन सुबह और शाम कर्पूर को घी में भिगोकर जलाएं और संपूर्ण घर में उसकी खुशबू फैलाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक उर्जा नष्ट हो जाएगी। दु:स्वप्न नहीं आते है  और घर में अमन शांति बनी रहती है। कपूर के पेड़ की छाल सभी बाजार में मिलती  है।आप को पता हे क्या कपुर पेड से हि प्राप्त होता हे जिसमें प्रकृतिक औषधीय गुण पाए जाते हैं। ऐसे पेड़ मूल रूप से भारत और चीन में पाए जाते है। कपूर एक  सदाबहार पेड हें, जिसका विकास काफी तेजी से होता है।कपुर का पेड़ कुछ लोग,घर के गार्डन में भी उगाते है । कपूर का तेल भी कई समस्याओं के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। इसका साइंटिफिक नाम सिनामोमस कैफोरा है। गंध काफी तेज होती है। कपूर में टरपीन होता है, जिसके इस्तेमाल से हेल्थ में काफी फायदे मिलते हैं।
वैज्ञानिक शोधों से यह भी ज्ञात हुआ है कि, इसकी सुगंध से जीवाणु, विषाणु आदि बीमारी फैलाने वाले जीव नष्ट हो जाते हैं। जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है ,तथा बीमारी होने का भय भी नहीं रहता है।

देश के जाने-माने आयुर्वेदिक एक्सपर्ट  ‘‘इंक्रेडिबल आयुर्वेदा’’ के संस्थापक डॉ. अबरार मुल्तानी का कहना है कि ,चेहरे के दागों को कम करने के लिए भीमसेनी कपूर का प्रयोग करना चाहिए ,यह कपूर बहुत फायदेमंद होता है। बचपन में हमारी दादी या नानी को हमसब ने नारियल तेल में कपुर मिलाकर बालों में लगाते देखा होगा। कई बार उनके या किसी और के घुटनों में दर्द हो तो भी कपुर के कुछ घरेलु उपचार करते देखा होग।

 कपूर के तेल में गर्माहट पहुंचाने वाले तत्व मौजूद होते हैं, जो नसों की संवेदनशीलता को कम करने में मदद कर सकते हैं, और दर्द से राहत मिलती है। जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए तिल का तेल गर्म करके उसमें कपूर मिक्स कर के इस मिश्रण से जोड़ों पर मालिश करने से जोड़ो के दर्द से आराम मिलता है।

कपुर का उपयोग हमारे घर में किसी न किसी रुप में अवश्य ही होता ही आया है। पानी में कर्पूर के तेल की कुछ बूंदों को डालकर नहाने से मन तरोताजा हो जाता है। यह आपको तरोताजा तो रखता  ही है यह आपके भाग्य को भी चमकाता है। यदि इस में कुछ बूंदें चमेली के तेल की भी डाल दी जाए तो इससे राहु, केतु और शनि का दोष नहीं रहेगा, लेकिन ऐसे सिर्फ शनिवार को ही करना चाहिए। रात्रि काल के समय रसोई समेटने के बाद चांदी की कटोरी में लौंग तथा कपूर जलाना चाहिए, यह कार्य नित्य प्रतिदिन करने से  धन-धान्य से आपका घर भरा रहेगा। धन की कभी कमी नहीं होगी। कपूर के उपर्युक्त गुणों को जानने के बाद इसे अपने जीवन का हिस्सा जरूर बनाए।

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