कई माइक्रोफाइनेंस एजेंसीयों के चक्रव्यूह में फंसी महिला ने कर्ज से परेशान होकर की आत्महत्या

लावालौंग : थाना क्षेत्र अन्तर्गत हेडुम पंचायत के कोंची गांव कि एक महिला ने भारत माइक्रोफाइनेंस समेत कई अन्य एजेंसियों द्वारा लगातार कर्ज चुकाने के दबाव देने के कारण परेशान होकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान कोंची गांव के भुइंया टोली निवासी 52 साल की सिता देवी के रूप में हुई है। सिता देवी का पति नरेश भुईयां दिहाड़ी मजदूरी का काम करता है। और वह काम से सिलसिले में हमेशा दुसरे राज्य में रहता है। जिसके कारण फाइनेंस कंपनियां अपने दिए हुए ऋण के मासिक किस्त के भुगतान का दबाव सीता देवी पर बना रहीं थीं। प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत कई दिनों से लगातार कुछ माइक्रोफाइनेंस कंपनियां मृतक से अपने ऋण का किस्त जमा करने का दबाव बना रहीं थीं। समय पर किस्त नहीं चुका पाने के कारण उन कंपनियों के द्वारा महिला के साथ अभद्र व्यवहार भी किया जा रहा था। कई बार तो कंपनियों के कर्मी रात के 11 बजे तक गांव में रूककर उक्त महिला को परेशान करते थे।

जिनके भय से महिला घर छोड़कर भाग जाया करती थी। इसी क्रम में बुधवार की शाम दो माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के कर्मी कर्ज वसूली करने के लिए उसके घर पर देर रात तक बैठे रहे। सिता देवी इस डर से कई घंटो तक घर से बाहर रही, फिर जब माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के कर्मी घर से निकल गए तब महिला अपने घर में आई। जिसके बाद महिला ने कर्ज के बोझ और बदनामी के कारण गले में अपने ही साड़ी का फंदा लगाकर कर आत्महत्या कर लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने घटना की जानकारी लावालौंग थाना प्रभारी रूपेश कुमार राय को दिया। जिस पर थाना प्रभारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सबको कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए चतरा सदर अस्पताल भेज दिया। इस घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है।

 

रिपोर्टर : मो० साजिद

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