सरकारी दुकानों में भी में मिल रहे ऐसे शराब की बोतले

नकली अंग्रेजी शराब का धंधा में वृद्धि, हो सकते शराबियों की मौत

बारकोड स्कैन से हो रहा खुलासा, ट्रैक व ट्रेस बेअसर

चौपारण- प्रखंड के भगहर, भंडार, रामपुर, बसरिया, दैहर सहित विभिन्न पंचायतो के गांवो में महुआ शराब की भट्टियों को गिना नही जा सकते। अबकारी और पुलिस के साथ वन विभाग भी महुआ शराब की भट्टियों के विरुद्ध कार्रवाई तो होती है। लेकिन प्रशासन या अबकारी विभाग दर्जन भर शराब भट्टियों को नष्ट किया तो दूसरे या तीसरे दिन दो दर्जन नई शराब की भट्टियां शुरू हो जाती है। इतना ही नही क्षेत्र में नकली अंग्रेजी शराब का भी बड़े पैमाने पर धंधा चल रहा है। ऐसे धंधों में कुछ सफेदपोश नेता और असामाजिक तत्वों का सहयोग मिल रही है। इतना ही क्षेत्र नकली अंग्रेजी शराब के अवैध धंधों पर अबकारी विभाग और प्रशासन अंकुश लगाने में असफल रहे। कई बार प्रयास के बाद भी ऐसे अवैध कारोबारियों पर कोई असर नही दिखा। सरकारी शराब दुकानों में भी नकली अंग्रेजी शराब धड़ल्ले से मिल रही है। इस मामले का खुलासा शराब की बोतल पर लगे बारकोड स्कैन से हो रही है। इसके बाद यह साबित हो जाता है कि राज्य सरकार की नई उत्पाद नीति के तहत शराब बिक्री करना है,जिसके तहत शराब की अवैध तस्करी राजस्व बढ़ाने के लिए ट्रैक और ट्रेस सिस्टम पूरी बेअसर होता दिख रहा है। इस नीति के तहत शराब की बोतलों पर बारकोड दिया गया है, जिसे स्कैन करने पर असली व नकली की पहचान हो जाती है। लेकिन इन दिनों सरकारी दुकानों की बोतलों से क्यूआर कोड से स्कैन करने पर नूडल सहित अन्य उत्पाद का लोगो नजर आता है। इससे स्पष्ट होता है कि बोतलों पर लगाया गया बारकोड नकली है। इतना ही नही सरकार द्वारा प्लास्टिक की बोतलों में शराब बेचना प्रतिबंधित है, के बावजूद इन बोतलों में शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है। अब सवाल ये उठता है कि जब नकली शराब सरकारी दुकानों में मिल रहा तो जाहिर सी बात है कि इसका उत्पादन भी क्षेत्र में ही किया जा रहा होगा।
रिपोर्टर-मुकेश कु सिंह 

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