ऐसा क्या हुआ की जिनको सरकार ने चिकित्सा व्यवसाय करने की पात्रता प्रदान की वह कैसे अपात्र हो गया?

ऐसा क्या हुआ की जिनको सरकार ने चिकित्सा व्यवसाय करने की पात्रता प्रदान की वह कैसे अ पा त्र हो गया? और अगर अ पा त्र नहीं है तो फिर अपत्रों जैसा व्यवहार क्यों?15/ 7 /2024 को जारी पत्र में इलेक्ट्रो होम्योपैथी में कार्य करने का संदर्भ क्यों हटाया गया?मध्य प्रदेश में 250000 इलेक्ट्रो होम्योपैथी लगभग 100000 साथ रक्षक और और लगभग 30000 कम्युनिटी हेल्थ वर्कर करेंगे बड़े आंदोलन की तैयारी |देवास वैकल्पिक चिकित्सक कब अस्तित्व भारतवर्ष में हमेशा रहा है तथा भारत के जनमानस में हमेशा ही उनका सम्मान दिया है|लेकिन जब से भारत में विदेशी पद्धति एलोपैथी का उदय हुआ है तब से किसी खास मकसद के तहत भारतीय चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों को नजर अंदाज करने एवं जनमानस में उनके कार्य को दोयम दर्जे का घोषित करने के लिए एक मुहिम चलाई जाने लगी है जो दुर्भाग्य  पूर्ण है|   

जबकि वास्तविकता यह है कि आज भी दूर दराज ग्रामीण अंचलों में अगर सेवाएं आसानी से एवं कम शुल्क पर उपलब्ध है तो उसका शेयर ए वैकल्पिक चिकित्सकों को ही जाता है क्योंकि दूर दराज ग्रामीण अंचलों में न्यूनतम संशोधन के बीच में ही पीड़ित मानवता की सेवा का मोर्चा संभालते हैं साथी यह भी काटो सकते हैं कि शासन प्रशासन की प्रताड़ना ओ के बाजू द आज भारत शिक्षा के क्षेत्र में से पायदान पर है तो इन वैकल्पिक चिकित्सक का योगदान भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है लेकिन इसके बावजूद भी इनको पड़तालित करने का प्रयास सतत जारी रहता है जो बड़ा ही पीड़ा दायक है|जैसा की आपको याद है कि करो करोना की महामारी के दौर में कोई फ्रंटलाइन वारियर की तरह अपनी जान जोखी में डालकर आम जनों की सेवा में तत्पर रहा है और लाखों लोगों की जान बचाई वह यही वैकल्पिक चिकित्स क ठीक ही थे लेकिन फिर भी पत्र / प्रपत्र जारी कर इन्हें प्रताड़ित क्यों किया जा रहा है? 

दिनांक 15 जुलाई 2004 को आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा द्वारा जो पत्र जारी हुआ है के पीछे किन अ पात्रों के खिलाफ  कार्रवाई की मंशा है?1. जो मान्यता प्राप्त है जैसे एलोपैथ  आयुर्वेद यूनानी और होम्योपैथी| 02 दूसरे वह जो शासन द्वारा पात्रता प्राप्त है जैसे इलेक्ट्रो   होम्योपैथी.  मैग्नेटो थैरेपिस्ट एक्यूप्रेशर थैरेपिस्ट आदि इनमें सबसे बड़ी संख्या इलेक्ट्रॉन होम्योपैथी चिकित्सकों की है मध्य प्रदेश शासन में इलेक्ट्रॉन में प्रति चिकित्सा व्यवसाय को इलेक्ट्रोनिक में पेटी में चिकित्सा सेवा प्रदान करने की अनुमति आयुक्त स्वास्थ्य सेवा मध्य प्रदेश शासन ने अपने पत्र क्रमांक/ अ प्रशासन/ सेल छे/ ए फ 292/ 2011/ 1084 भोपाल दिनांक 26 अगस्त 2011 तथा प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय वल्लभ भोपाल से प्रमुख सचिव द्वारा जारी पत्र क्रमांक ए फ 10 10/ 2017/ 17 मेडि दो दिनांक 24 अक्टूबर 2018 को द्वारा प्रदान की है उपरोक्त तीनों ही पत्रों के कलम चार की कंडी का एक में वैकल्पिक चिकित्सक को बिना बिना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में पंजीयन करवा वार्ताओं के अनुरूप कार्य करने की पात्रता प्रदान कि हे | यहां हम बता दे की अभी तक आपत्र गैर वैधानिक झो..प चिकित्सा को के खिलाफ जो भी पत्र प्रपत्र जारी हुआ है उनके कंडी का कर के कलम एक में इलेक्ट्रॉहोम्योपैथिक में बिना मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा और अधिकारी के कार्यालय पंजीयन कारण कार्य करने की पात्रता का उल्लेख था लेकिन दिनांक 15 जुलाई 2024 को जारी पत्र में उसका उल्लेख नहीं किया है ऐसा क्यों क्या यह बोल वंश हुआ है या जानबूझकर हटाया गया है अगर यह बोल वंश हुआ है तो तुरंत प्रभाव से संशोधित किया जाए वैकल्पिक चिकित्सक संघ के अनुसार अन्यथा इस पत्र को माध्यम बनाकर हमारे चिकित्सकों को जांच दल द्वारा परेशान किया जाएगा और बताया जाएगा कि इस पत्र में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है इसलिए हम वही करने को बाध्य हे जो इस पत्र मैं आदेशित किया गया है पूर्व में प्रशासन एवं मुख्य सचिव द्वारा जो आदेश इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सकों के लिए जो आदेश दिए थे उसका पालन होना चाहिए

 

रिपोर्टर : भालचंद्र तिवारी 

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