2 फरवरी से हैं गुप्त नवरात्री , जानें क्या है इन नवरात्री का महत्व और कथा
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हिंदी पंचांग के अनुसार, हर वर्ष चार नवरात्रि मनाई जाती है. प्रथम माघ महीने में मनाई जाती है, जिसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. दूसरी चैत्र महीने में मनाई जाती है, जिसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है. तीसरी आषाढ़ महीने में मनाई जाती है, जिसे गुप्त नवरात्रि ही कहा जाता है . वहीं, चौथी और अंतिम अश्विन महीने में मनाई जाती है, जिसे अश्विन नवरात्रि कहा जाता है. इस साल माघ माह में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी को शुरु होकर 10 फरवरी को समाप्त होगी. गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की देवी की पूजा-उपासना की जाती है. इन दोनों नवरात्रि में तंत्र जादू-टोना सीखने वाले साधक कठिन भक्ति कर माता को प्रसन्न करते हैं. 2 फरवरी को घटस्थापना है. आइए, गुप्त नवरात्रि के बारे में विस्तार से जानते हैं
एक बार ऋषि श्रृंगी अपने भक्तों को दर्शन देते हुए उनकी पीड़ा सुन रहे थे. तभी भक्तों की इस भीड़ से एक स्त्री निकलकर आई और उसने ऋषि श्रृंगी को बताया की वह अपने पति की वजह से बहुत कष्ठ में है. स्त्री ने कहा कि मेरे पति सदैव दुर्व्यसनों में घिरे रहते हैं. साथ ही वह मांसाहारी और जुआरी भी हैं. इसी कारण मैं कोई पूजा-पाठ भी कर पा रही हूं. मैं मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर अपने घर-परिवार में सुख-शांति और खुशियां लाना चाहती हूं.
महिला के इस भक्ति-भाव ने ऋषि श्रृंगी को बेहद प्रभावित किया. इसे देखते हुए ऋषि श्रृंगी ने उसे उपाय बताते हुए कहा कि शारदीय और बसंत नवरात्रि के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन इनके अलावा दो और नवरात्रि भी आती हैं, जिन्हें 'गुप्त नवरात्रि' कहा जाता है. प्रकट नवरात्रि में जहां एक ओर देवी के नौ रूपों को पूजा जाता है, वहीं गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की आराधना होती है. अगर कोई भी भक्त सच्चे मन और पूरे विधि-विधान से मां दुर्गा की साधना करे तो मां उसके कष्टों को दूर कर उसके जीवन आसान और सफल बना देती हैं.
ऋषि श्रृंगी ने स्त्री को आगे बताया कि अगर कोई लोभी स्वभाव वाला मांसाहारी मानव भी गुप्त नवरात्रि में सच्चे मन से मां की अर्चना करें तो उससे भी मां प्रसन्न होकर इसके जीवन में खुशहाली लाती हैं और विशेष मनोकामना पूर्ण करती हैं. ध्यान रहे कि इस पूजा के बारे में ज्यादा किसी से भी चर्चा न की जाए. ऋषि श्रृंगी के बताए इस उपाय को सुन स्त्री बेहद प्रसन्न हो गई और उनसे कथन अनुसार ही पूरी श्रद्धा से गुप्त नवरात्रि में मां की आराधना की.
दस महाविद्याएं कौन हैं जिनकी पूजा गुप्त नवरात्री में होती है -
- मां काली
- मां तारा
- मां त्रिपुर सुंदरी
- मां भुवनेश्वरी
- मां छिन्नमस्ता
- मां त्रिपुर भैरवी
- मां ध्रूमावती
- मां बंगलामुखी
- मां मातंगी
- मां कमला
गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की विधिवत पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार देवी सती के पिता दक्ष ने बड़े यज्ञ का आयोजन किया और इस यज्ञ में सभी देवी देवताओं को बुलाया गया, लेकिन उन्होंने भगवान शिव को यज्ञ में शामिल होने के लिए निमंत्रण नहीं भेजा. इसमें जाने के लिए माता सती ने अपने भगवान शिव के सामने अपने दस महाविद्याओं का प्रदर्शन किया था. मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि के में देवी सती के इन स्वरूपों की विधिवत पूजा अर्चना करने से समस्त पापों का नाश होता है.
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