सावन में जरूर करें भगवान शिव को रुद्राभिषेक से प्रसन्न !
सावन का माह चल रहा है , चारों तरफ शिव शंभु के जयकारों ने मन को प्रसन्न किया हुआ है ..कहा जाता है कि सावन का महिना ही शभुंनाथ को खुश करने के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आता है और जो भक्त इस महिने में भोलेनाथ को खुश करने में सफल हो जाते हैं ..उनके आने वाले कष्टों का नाश हो जाता है .इसीलिए इस महिनें में भक्तगण अपने प्रभु भोलनाथ का जी जान से श्रंगार भी करते है और प्रसन्न करन के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देते हैं,वैसे तो बाहरमासी शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है , मगर शिवविंग के जलाभिषेक का जो नजारा सावन के महिने में दिखता है वो अद्भुद होता है .सावन में ना केवल शिवलिंद का जलाभिषेक होता है बल्कि विशाल रुद्राभिषेक भी करावा जाता है ....कहा जाता है हर इंसान का सावन में कम से कम एक बार रुद्राभिषेक जरूर कराना चाहिए, क्योंकि रुद्राभिषेक प्रभु शिव तक पहुंचने के सीधे द्वारा खोल देता है . रुद्राभिषेक को बेहद शुभ फलदाई माना गया हो धार्मिक मान्यता है कि सावन माह में कभी भी एक बार रुद्राभिषेक करने से जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं रुद्राभिषेक के फायदे और इसकी विधि के बारे में...
वैसे तो पूरे साल भर भगवान शिव की पूजा की जाती है, लेकिन सावन माह में शिव शम्भू की पूजा और उनका ध्यान करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं.. सावन माह के प्रत्येक सोमवार शिव कृपा के लिए अधिक महत्वपूर्ण माने गए हैं... भगवन भोलेनाथ सभी मानसजन के भगवान है ,इनकी पूजा हमेशा सहज और सात्विक होती है, वो सबकी मनोकामना पूरी करते है. कई बार हम मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक नही कर पाते है. तब हम अपने घर में ही रुद्राभिषेक कर सकते है. अपने घर में ही रुद्राभिषेक करने के लिए घर में मिट्टी का शिवलिंग बनाया जाता है, अगर पारद शिवलिंग है तो यह बहुत अच्छा है. सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा होती है. फिर माता पार्वती, भगवान गणेश, नौ ग्रह, माता लक्ष्मी, सूर्यदेव, अग्निदेव, ब्रह्मदेव, पृथ्वी माता और गंगा माता आदि कि पूजा करनी चाहिए . इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और नवग्रहों के लिए आसन या सीटें तैयार की जाती हैं. फिर देवी-देवताओं पर रोली, अक्षत और फूल चढ़ाया और भोग लगाया जाता हरुद्राभिषेक के लिए गाय का घी, चंदन, फूल, मिठाई, फल, गंध, धूप, कपूर, पान का पत्ता, शहद, दही, ताजा दूध, गुलाबजल, गन्ने का रस, नारियल का पानी, चंदन पानी, गंगाजल, पानी, सुपारी और नारियल आदि की जरुरत होती है. अगर हम अन्य सुगंधित पदार्थ शिव को अर्पण करना चाहते हैं तो वह भी चढ़ा सकते है.
शिवपुराण के रुद्रसंहिता के अनुसार, सावन माह में रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी होता है. सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका: अर्थात् सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा में हैं. रुद्राभिषेक में भगवान शिव के रुद्र अवतार की पूजा होती है. यह भगवान शिव का प्रचंड रूप होता है. कहा जाता है कि सावन माह में रुद्र ही सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं. रुद्राभिषेक से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है. साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है.
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