परिवर्तिनी एकादशी का क्या है महत्व?,जाने

PRATIBHA..

हिन्दू शास्त्र में परिवर्तिनी एकादशी का विशेष महत्व बताया गया हैं.परवार्तिनी एकादशी को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता हैं .बता दे की,पौराणिक मान्यता के अनुसार परिवर्तिनी एकादशी पर भगवान विष्णुअपनी निद्रा के समय आज के दिन ही करवट बदलते हैं। इस कारण परिवर्तिनी का दिन भगवान विष्णु की स्तुति के लिए विशेष माना जाता हैं. इसलिए परिवर्तिनी एकदशी के दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रक्खा जाता हैं.

परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा, जाने 

पौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत काल में पांडव भाइयों में सबसे बड़े युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत के बारे में पूछा. तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें ब्रह्मा जी के नारद मुनि को सुनाई एक कथा सुनाई. नारद जी ने ब्रह्मा जी से पूछा था कि भाद्रपद की एकादशी को भगवान विष्णु के किस रूप की पूजा की जाती है. ब्रह्मा जी ने नारद मुनि को बताया कि भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान हृषिकेश की पूजा होती है. उन्होंने बताया कि सूर्यवंश में मान्धाता नाम का एक चक्रवती और महा प्रतापी राजर्षि हुआ करता था. उसके राज्य में सभी सुखी थे. एक बार कर्म फल के कारण उसके राज्य में तीन वर्ष तक अकाल पड़ा. प्रजा के निवेदन पर मान्धाता अकाल का कारण जानने निकल पड़े. इस दौरान उनकी मुलाकात अंगिरा ऋषि से हुई और उन्होंने अपनी परेशानी उन्हें बताई और उसका कारण जानना चाहा. 

अंगिरा ऋषि ने बताया कि सत्य युग में केवल ब्राह्मण ही तपस्या कर सकते हैं लेकिन तुम्हारे राज्य में एक शुद्र तपस्या कर रहा है. मान्धाता ने कहा मैं तपस्या करने के लिए उसे दंड नहीं दे सकता. तब ऋषि अंगिरा ने उन्हें भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत रखने की सलाह दी. इसके बाद मान्धाता लौट आए और प्रजा के साथ भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत रखा. इसके बाद राज्य में वर्षा होने लगी और सभी समस्याओं का अंत हो गया. भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा कि परिवर्तिनी या पद्मा एकादशी का व्रत रखने और कथा सुनने से सभी प्रकार के पाप कट जाते हैं. 

परिवर्तिनी एकादशी पर ना करें ये काम.

1.परिवर्तिनी एकादशी के व्रत का पारण अगले दिन से पहले यानी द्वादशी से पहले ना करें.

2.परिवर्तिनी एकादशी के दिन लहसुन,प्याज का इस्तेमाल ना करे .

3.परिवर्तिनी एकादशी के दिन चावल का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.

4.परिवर्तिनी एकादशी व्रत के दिन गुस्सा करने से भी बचना चाहिए.

5.एकादशी व्रत के दिन  तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए.
 
6.परिवर्तिनी एकदशी के दिन  खासकर किसी का अपमान नहीं करना चाहिए.

7 .परिवर्तिनी एकदशी के दिन अपशब्द कहने से बचना चाहिए.

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