चमड़े से बनी चीज़े मंदिर में क्यों है वर्जित जानिए खास वजह

हिंदू धर्म में मंदिर को सबसे पवित्र और शुद्ध जगह माना जाता है, क्योंकि यहाँ देवी-देवताओं का निवास होता है. ऐसी मान्यता है कि, आप जितनी श्रद्धा, निष्ठा और पवित्रता के साथ मंदिर में प्रवेश करेंगे, आपको उतनी ही ज्यादा पुण्य फल की प्राप्ति होगी और आपके सभी कार्य पूरे होंगे.  हिंदू धर्म में मंदिर और पूजा-पाठ से जुड़ी कई मान्यताएं, पंरपराएं और नियम है, जिनका पालन करना बहुत ज़रूरी होता है, इसलिए मंदिर में या फिर पूजा -पाठ  के चलते जाने-अनजाने में कोई भी ऐसी गलती न करें, जिससे कि आपकी पूजा व्यर्थ हो जाए और आप किसी ऐसी मुसीबत में पड़ जाये जिसका कोई हल न मिले, हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार हम सभी भगवान के दर्शन और पूजा के लिए मंदिर जाते हैं, लेकिन ऐसा बहुत काम लोग ही जानते है कि मंदिर में कुछ चीज़ों का प्रवेश वर्जित होता है. इन्हीं में एक है चमड़े से बनी चीजें. जी हाँ हम बात कर रहे है चमड़े से निर्मित चीजों की जिनको भूलकर भी मंदिर के भीतर लेकर प्रवेश न करें. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी के अनुसार जानते है,  चमड़े से बनी किन चीज़ों को मंदिर के भीतर नहीं ले जाना चाहिए और क्या है इसकी खास वजह.

1- शुद्धता के साथ करें मंदिर के भीतर प्रवेश

मंदिर को भगवान का घर कहा जाता है. सभी लोग भगवान के दर्शन और पूजन के लिए मंदिर जाते हैं. लेकिन, मंदिर जाने से पहले तन-मन को पूरी तरह पवित्र कर यानी स्नान करने और साफ कपड़े पहने के बाद ही प्रवेश करना चाहिए. वहीं, मंदिर के भीतर प्रवेश करने से पहले जूते-चप्पल, खाने-पीने की चीजें, अशुद्ध चीजें और चमड़े से बनी चीजों को बाहर रख देना चाहिए.


2- क्यों मंदिर के भीतर चमड़े की वस्तुएं होती हैं वर्जित?

चमड़े से बना पर्स, बेल्ट, बैग, टोपी, जैकेट आदि जैसे सभी सामानों का मंदिर में प्रवेश वर्जित होता है. मान्यता है कि इससे मंदिर की शुद्धता और पवित्रता भंग हो जाती है, क्योंकि चमड़े का निर्माण मृत पशुओं की खाल से होता है. साथ ही इनमें कई तरह के रसायनों का भी प्रयोग किया जाता है, जिससे कि यह गंधरहित हो सकें. भले ही आप इन मंहगी चीज़ों का इस्तेमाल हाई स्टेटस, फैशन या ज़रूरत के लिए करते हों, लेकिन मंदिर में इन चीज़ों के साथ प्रवेश न करें. इसके अलावा पूजा-पाठ करते समय भी चमड़े से बनी चीज़ों को नहीं पहनना चाहिए.

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