जानिए क्या होता है खरमास .....क्यो नहीं होते है इस दौरान कोई शुभ कार्य

खरमास के महीने की शुरुआत होने जा रही है, दिसंबर 2022 के खरमास का प्रारंभ कुछ दिनों में ही होने वाला है. कहा जाता है, खरमास के समय में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय में सूर्य देव का प्रभाव कम होता है, इसलिए शुभ कार्य नहीं करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे एक वर्ष में दो बार ऐसा मौका आता है, जब खरमास लगता है. एक खरमास मध्य मार्च से मध्य अप्रैल के बीच और दूसरा खरमास मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक होता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि खरमास का प्रारंभ कब से हो रहा है और इसका समापन कब हो रहा है?
 
क्या होता है खरमास - 
सूर्य के धनु या मीन राशि में गोचर करने की अवधि को ही खरमास कहते हैं। सूर्यदेव जब भी देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु या मीन पर भ्रमण करते हैं तो उसे प्राणी मात्र के लिए अच्छा नहीं माना जाता और शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं। गुरु सूर्यदेव का गुरु हैं, ऐसे में सूर्यदेव एक महीने तक अपने गुरु की सेवा करते हैं। 
 
खरमास शुरू होने का समय 2022  - पंचांग के अनुसार, जब सूर्य देव धनु राशि मे प्रवेश करते है, तो उस दिन से लेकर मकर राशि में प्रारंभ करने तक का समय खरमास होता है. इस साल खरमास का प्रारंभ 16 दिसंबर दिन शुक्रवार से हो रहा है. इस दिन सूर्य की धनु संक्रांति का क्षण सुबह 10 बजकर 11 मिनट पर है. ऐसे में आपको काई भी मांगलिक कार्य करना है तो उसे 15 दिसंबर तक मुहूर्त देखकर कर लें.
 
खरमास समापन समय 2023- 
16 दिसंबर से प्रारंभ हो रहे खरमास का समापन नए साल 2023 के पहले माह जनवरी में होगा. पंचांग के आधार पर जब सूर्य का धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश होगा तो वह सूर्य की मकर संक्रांति होगी. मकर के प्रारंभ होते ही खरमास का समापन हो जाता है.
 
14 जनवरी दिन रविवार को रात 08 बजकर 57 मिनट पर मकर संक्रांति का क्षण है. इस समय पर खरमास का समापन हो जाएगा. मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने के बाद सूर्य पूजा करते हैं. इस दिन से सूर्य उत्तरायण होते हैं.
 
खरमास में वर्जित कार्य-
 
1. खरमास के समय में विवाह पर पाबंदी होती है. इस समय किसी का विवाह या सगाई नहीं होता है.
 
2. नए घर में गृ​ह प्रवेश करना भी वर्जित होता है. या तो आप खरमास से पूर्व या फिर खरमास के समापन के बाद गृह प्रवेश करें.
 
3. खरमास में किसी भी बच्चे का मुंडन संस्कार या फिर उपनयन संस्कार नहीं करते हैं.
 
4. इस समय में प्रॉपर्टी से संबंधित खरीदारी नहीं करते हैं.
 
5. खरमास में बहु-बेटी की विदाई नहीं करते हैं.

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.