आज है मार्गशीष पूर्णिमा, जाने पूजा के महत्व और समय के बारे में ,
आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण, विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है. इस दिन पूजा करने और व्रत रखने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होतीहैं और सभी पापों से भी मुक्ति मिलती है. आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान दत्तात्रेय की भी जयंती है. भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों... का अंश माना जाता है और इनकी पूजा करने से तीनों का आर्शीवाद एकसाथ मिलता है.
आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा है. सनातन धर्म में पूर्णिमा के दिन खास महत्व है. मान्यता है कि ये भगवान विष्णु का प्रिय महीना होता है और इस महीने में भक्तों केधर्म-कर्म के कार्यों पर भगवान विष्णु बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और श्रीकृष्ण की भी पूजा की जाती है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत रखने से हर मनोकामना पूरी होती है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022 की पूजा का महत्व और समय-
मागर्शीर्ष पूर्णिमा पर इस साल बेहद खास संयोग बन रहा है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, रवि और सिद्ध योग समेत तीन शुभ योग हैं जिसमें स्नान, दान, जप, तप करना पुण्यकारी माना जाता है. मान्यता है कि पूर्णिमापर ही त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) के अंश भगवान दत्तात्रेय का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है और इस दिन भगवान दत्तात्रेय की पूजा से ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की पूजा का फल मिलता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 7 दिसंबर यानी आज सुबह 8 बजकर 1 मिनट पर शुरू हो चुकी है और ये अगले दिन यानी 8 दिसंबर की सुबह 9 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि और पूर्णिमा तिथि का अधिकांश समय 7 दिसंबर को पड़ने की वजह से मार्गशीर्ष पूर्णिमा आज ही मनाई जा रही है.
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