बुद्ध पूर्णिमा कब, और क्या है ख़ास? आइये जानते है
इस साल 05 मई शुक्रवार को बुद्ध पूर्णिमा है. यह हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. जिसे बुद्ध जयंती या फिर बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है. इसी दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था. 5 मई दिन शुक्रवार को साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में आरंभ होगा और ग्रहण के मध्य काल और मोक्ष काल के समय विशाखा नक्षत्र में होगा. इस ग्रहण को भारत में शुरू से लेकर अंत देखा जा सकता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण एक भौगोलिक घटना है. वहीं ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण की घटना को महत्वपूर्ण माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा की रात जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने लगते हैं, तब चंद्र लगता है. बुद्ध पूर्णिमा पर क्या ख़ास है आइये जानते....
हिंदू पंचांग में इस साल दिनांक 4 मई को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की रात 11:44 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 5 मई को रात 11: 03 मिनट तक रहेगा.ऐसे में इसकी उदया तिथि दिनांक 05 मई को है, इसलिए इस दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी.
बुद्ध पूर्णिमा पर मकर, सिंह, मिथुन, मीन और कुंभ राशि वालों के लिए शुभ फल की प्राप्ति होगी. मकर राशि वाले के करियर में तरक्की के योग है, मिथुन राशि के जातकों को चंद्र ग्रहण के बाद धन और सुख में लाभ का अवसर मिलेगा, सिंह राशि वालों की नौकरी में उन्नति होगी, कुंभ राशि के लोगों की आमदनी में वृद्धि होगी.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत बनाने के लिए तुलसी दल को मुंह में रखकर चंद्रमा के बीज मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जप करें. ग्रहण के समय इन मंत्रों का जप करना बेहद लाभकारी माना गया है. ऐसा करने से चंद्र ग्रहण का अशुभ प्रभाव दूर रहता है और कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है.
आर्थिक समस्याओं से मुक्ति के लिए चंद्र ग्रहण के बाद जल में गंगाजल डालकर स्नान करें और फिर काल कंबल और भोजन का दें. साथ ही काली गाय के घी का दीपक जलाकर अखंड ज्योत जलाएं. ऐसा करने से दरिद्रता दूर होती है और धन प्राप्ति के योग बनना शुरू हो जाते हैं. वहीं चंद्र ग्रहण के समय सफेद चीजें जैसे चावल, दूध, दही, सफेद कपड़ा, मिठाई आदि चीजों का दान करना शुभ माना गया है.
5 मई को वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. चंद्र ग्रहण का समय: 5 मई, शुक्रवार, रात्रि 8: 45 से 6 मई की मध्य रात्रि 1:00 बजे तक
सिद्धि योग : सूर्योदय से प्रात: 09:17 मिनट तक
स्वाति नक्षत्र: सुबह से रात 09:40 तक
वैशाख पूर्णिमा के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त: प्रातः 11: 51 मिनट से दोपहर 12: 45 मिनट तक
भद्राकाल: प्रातः 05: 38 मिनट से 11:27 मिनट तक
चूंकि इस भद्रा का वास पाताल है, इसलिए इसका दुष्प्रभाव धरती पर नहीं पड़ेगा.
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