संतान की लंबी उम्र के लिए रखें हल षष्ठी व्रत, जानें तिथि एवं पूजा मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल छठ हल षष्ठी या बलराम जयंती मनाई जाती है। हल षष्ठी के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भ्राता बलराम जी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।

इस बार हल षष्ठी का यह व्रत 28 अगस्त को है. इसे हल छठ भी कहते हैं. हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा भादो कृष्ण षष्ठी को बलराम जयंती के रूप में भी मनाते हैं. मान्यता है कि इस तिथि को भगवान श्री कृष्ण के बड़े भ्राता बलराम का जन्म हुआ था. बलराम जयंती पर माताएं भगवान श्री कृष्ण के साथ उनके बड़े भाई बलराम की विधि विधान से पूजा करती हैं. तथा अपने पुत्र की लम्बी आयु का वरदान मांगती हैं.

हल षष्ठी या बलराम जयंती  मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि आज 27 अगस्त दिन शुक्रवार को को शाम 06 बजकर 48 मिनट पर लगेगी. यह तिथि अगले दिन यानी शनिवार, 28 अगस्त को 08 बजकर 56 मिनट तक रहेगी. व्रत में उदयातिथि से रखने का प्रावधान के चलते हल षष्ठी का व्रत 28 अगस्त को रखा जायेगा. उसके बाद 30 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत होगा.

हल षष्ठी का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बलराम जयंती, हल छठ या हल षष्ठी का व्रत संतान की लंबी आयु और सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है. इस दन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं तथा बलराम जी की और हल की विधि विधान से पूजा करती है. बलराम जी का अस्त्र गदा के साथ हल भी है. इस लिए  इस षष्ठी तिथि को हल षष्ठी या हल छठ कहते हैं. धार्मिक मान्यता है कि बलराम जी की कृपा से संतान दीर्घायु होती है और उसका जीवन सुखमय तथा खुशहाल होता है.

 

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