पूरानी- बेकार चीजें रखने की है आदत? हो सकता है यें डिसऑर्डर

NEHA MISHRA

हम में से कई लोग ऐसे है जिन्हें अपना पुराना और बेकार समान फेंकना पसंद नही है. भले ही हम उसे घर के किसी कोनें में रख दें या दोबारा कभी भी उसका इस्तेमाल न करें. लेकिन हम उसे अपने घर से बाहर नही कर पाते. यें बात सुनने में जितनी साधारण लगती है असल में उतनी है नही. यें एक बिमारी है जिसे होर्डिंग डिसऑर्डर के नाम से जाता है. आइए जानते है क्या है होर्डिंग डिसऑर्डर...

Hoarding: people with ADHD are more likely to have problems – new research

यें एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति को बड़ी संख्या में वस्तुएं जैसे अखबार, किताबें, घरेलू सामान और कपड़ों को बचाने की तीव्र आवश्यकता महसूस होती है, चाहे उसे उनकी जरूरत हो या न हो, और जब वह उन वस्तुओं से छुटकारा पाने की कोशिश करता है तो उसे काफी परेशानी का फेस करनी पड़ती है. बता दें कि होर्डिंग उनके दैनिक जीवन को काफी प्रभावित करता है.   

Steps to spot the signs of hoarding - Harvard Health

हालाकिं यें एक सामान्य डिसऑर्डर है. हर 20 में 1 शख्स को होर्डिंग डिसऑर्डर हो सकता है. अगर आपको लगता है कि आप अपने किसी समान को छोड़ नही पा रहे या कोई भी अन्य व्यक्ति आपके समान को छूता है तो आप पैनिक करने लगते है तो ऐसी स्थिति में आप इस डिसऑर्डर से पीड़ित हो सकते है. लेकिन यें कोई चिंता का विषय नही है. आप थेरेपी या मेडिटेशन के जरिए इससे छुटकारा पा सकते है. हालांकि जिस व्यक्ति को यें डिसऑर्डर होता है वो जल्दी इसे मानता नही है. पर अगर आपको लग रहा है कि आपके परिवार में या दोस्तों में कोई इस डिसऑर्डर  से पीड़ित है तो तुरंत मानसिक स्वास्थ डॉक्टर से संपर्क करे. इसके अलावा आप शांति से उस इंसान से बात करके या उसे समझ कर उसकी परेशानी को सोल्व कर सकते है.

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.