सफेदपोशों और ट्रांसपोर्टिंग कंपनी की जुगलबंदी से केंद्र सरकार के करोड़ों रुपये के लग रहा है चुना

सफेदपोशों और ट्रांसपोर्टिंग कंपनी की जुगलबंदी से केंद्र सरकार के करोड़ों रुपये के लग रहा है चुना

आंदोलित महिलाओं के आड़ में चर्चित ट्रांसपोर्टिंग कंपनी खेल खेलने के फिराक में है गेमलर

ट्रांसपोर्टिंग कंपनी आरकेटीसी को आवंटित कार्य को जबरन रुकवाने की क्यूं रची जा रही  साजिश

आम्रपाली-शिवपुर रेलवे साइडिंग के बीच मैदान में जमीं हैं सैंकड़ो ग्रामीण महिलाएं

होन्हे मैदान मे आरकेटीसी के विरुद्ध गोलबंद महिलाओं को कौन कर रहा है नेतृत्व

आरकेटीसी समय पर नहीं कर सकी काम शुरू तो केंद्र सरकार को होगा करीब 450 करोड़ का नुकशान

आसपास मजदूरों के घर में  चूल्हा चौकी का  उठ रहा है सवाल

चतरा : एशिया महादेश के सबसे बड़े और क्वालिटी युक्त कोल प्रोजेक्ट माने जाने वाले आम्रपाली कोल परियोजना में एकबार फिर से विवादित ट्रांसपोर्टिंग कंपनी डर्टी गेम खेलने के फिराक में जुटी है। स्थिति यह है कि सीसीएल प्रबंधन द्वारा आम्रपाली परियोजना से शिवपुर साइडिंग तक कोल ट्रांसपोर्टिंग को लेकर किये गए टेंडर में खुद को काम नहीं मिलने से नाराज उक्त कंपनी के संचालक अब गंदी राजनीति कर महिलाओं को मोहरा बनाने में जुट गयी हैं। ये गांव की भोली-भाली गरीब महिलाओं के आड़ में अपनी व्यवसाईक रोटी सेंकने व राजनीतिक में जुट गया हैं।

इसी का नतीजा है कि प्रभावित गांवों की सैंकड़ों महिलाएं अपना सबकुछ दाव पर लगाकर आम्रपाली-शिवपुर मुख्यपथ पर स्थित होन्हे मैदान के समीप बच्चों के साथ आंदोलन में शामिल है। जिसके कारण सीसीएल द्वारा टेंडर के माध्यम से कार्य आवंटन आदेश प्राप्त करने वाली आरकेटीसी कंपनी काम शुरू नही कर पा रही है। अगर समय रहते कार्य एजेंसी आरकेटीसी द्वारा काम शुरू नहीं गई तो  केंद्र सरकार और सीसीएल को करीब 450 करोड़ रुपये के भारी-भरकम राजस्व का नुकसान हो सकता है। ज्ञात हो कि सीसीएल प्रबंधन द्वारा करीब 1150 करोड़ रुपये के काम का टेंडर किया गया है। जिसे आरकेटीसी ने करीब 35 प्रतिशत लेश में टेंडर डालकर काम लिया है। शायद आरकेटीसी की यही नीति विवादित कंपनी और उसके आकाओं को नागवार गुजर रहा है।

जिसके बाद से सीसीएल के चंद अधिकारियों और सफेदपोशों के मदद से विवादित कंपनी ने आरकेटीसी को परेशान करना शुरू कर दिया है। जिसे स्थानीय प्रखंड प्रशासन और पुलिस का भी भरपूर नैतिक समर्थन मिलने की बू आ  रही है। चुकी आरकेटीसी कंपनी को आवंटित कार्य को रोकने के उद्देश्य से सैंकड़ो महिलाएं बच्चों के साथ शिवपुर-आम्रपाली परियोजना पथ पर स्थित होन्हे मैदान के समीप कई दिनों से जमीन हैं। बावजूद सबकुछ जानकर प्रखंड और पुलिस प्रशासन मौनव्रत धारण किये हुए हैं। वैश्विक महामारी के खतरों के बावजूद सरकारी निर्देशों और कोरोना गाइडलाइंस का कड़ाई से अनुपालन कराने में अधिकारी असफल साबित हो रहे हैं। बड़ा सवाल है कि आखिरकार मैदान में गैरकानूनी तरीके से जमीं महिलाओं को प्रशासन क्यूं मनमानी का छूट दे रहा है।

महिलाओं को सख्ती के साथ मौके से हटाकर सरकारी निर्देशों के अनुरूप जिला प्रशासन आरकेटीसी का काम शुरू क्यूं नहीं करवा रही है। जिससे केंद्र और राज्य सरकार को इस संकट काल मे राजस्व की आमदनी हो साथ हीं आसपास के मजदूरों को  रोटी नसीब हो।  गरीब भोली भाली लोगों को बहला-फुसलाकर अपनी गन्दी राजनीति का शिकार बनाकर अपनी व्यावसायिक चमकाने  में जुटा है। आरकेटीसी का काम रोक  किसको फायदा पहुंचाना चाहती है  ग्रामीण महिलाएं। हालांकि इस पूरे मामले में सीसीएल के चंद अधिकारियों और सफेदपोशों पर भी राजनीति करने वाले विवादित ट्रांसपोर्टिंग कंपनी को मदद पहुंचाने का आरोप लग रहा है। जिसपर सीसीएल के अधिकारी प्रशासन पर लापरवाही का ठीकरा फोड़ अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

शिकायत मिलने पर करेंगे कार्रवाई - एसपी

इधर इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ऋषव झा ने कहा है कि महिलाओं के जमावड़े की सूचना मिली है। लेकिन इस बाबत संबंधित एजेंसी के द्वारा अभी तक लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। लिखित शिकायत प्राप्त होते ही मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। सरकारी निर्देशों का अक्षरसह अनुपालन कराया जाएगा।


रिपोर्टर : मोकिम अंसारी

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