रामलीला मैदान में चल रही नौ दिवसीय रामकथा
कासिमाबाद : रामलीला मैदान में चल रही नौ दिवसीय रामकथा में चौथे दिन शुक्रवार की रात कथावाचक महामंडलेश्वर साध्वी अन्नपूर्णा वर्षा नागर ने श्रोताओं को राम जन्म की कथा का रसपान कराया। प्रसंग सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे और अपने स्थान पर खड़े होकर नाचने लगे। पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।
कथावाचक ने कहा कि माता पार्वती के प्रश्न करने पर भगवान शिव उन्हें भगवान के अवतार लेने के कारण बता रहे थे। पृथ्वी पर जब-जब असुरों का अत्याचार बढ़ा, तब-तब ईश्वर ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर असुरों का संहार किया। जब धरा पर धर्म के स्थान पर अधर्म बढ़ने लगता है, तब धर्म की स्थापना के लिए ईश्वर को आना पड़ता है। भगवान राम ने भी पृथ्वी लोक पर आकर धर्म की स्थापना की और लोगों का कल्याण किया। कथा में उन्होंने राम जन्म का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब अयोध्या में भगवान राम का जन्म होने वाला था तब समस्त अयोध्या नगरी में शुभ शकुन होने लगे। प्रभु राम का जन्म होने पर चारों ओर खुशी का माहौल हो गया। इससे पहले संगीतमय भजन-कीर्तन के बीच आरती का कार्यक्रम हुआ। जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर पूजा-अर्चना की। मुख्य यजमान के रूप में स्वर्णकार कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रो हीरालाल वर्मा व उनकी पत्नी आशा वर्मा के अलावा योगाचार्य स्वामी पद्मनाभानंद महराज, दयाशंकर यादव, जितेंद्र वर्मा, राजेश सिंह पप्पू, डा मुरलीधर मौर्या, मनोज जायसवाल, मनीष पाठक, दीनबंधु गुप्ता, बृजभूषण सिंह, अरविंद सिंह, शिवजी गुप्ता, राणा प्रताप सिंह, रामुच्छाह पांडेय, हरिकेश सिंह आदि मौजूद रहे।
रिपोर्टर : रमेश यादव
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