पंचायती राज एक्ट ठेंगे पर, देवर व पति ने कब्जाए प्रधान संघ के पद

गोरखपुर : पंचायती राज एक्ट को ताक पर रख प्रधान संघ के पदों पर महिला प्रधानों के देवर या पति काबिज हो गए हैं। निर्वाचित महिला प्रधान चूल्हा चौका तक सीमित रह गई हैं। जनता द्वारा चुनी गई महिला प्रधान को अपने अधिकार तक का पता नहीं है। इस पर रोक न खंड विकास अधिकारी लगा पा रहे हैं और न जिले के अधिकारियों ने कभी इसे संज्ञान में लिया। भाभी प्रधान और उनका  देवर प्रधान संघ का जिलाध्यक्ष निर्वाचित हो गया, पत्नी प्रधान और पति प्रधान संघ का महा मंत्री निर्वाचित हो गया। यहां तक की ब्लाक में प्रधान संघ चुनाव तक नहीं हुआ लेकिन वर्तमान में दो अध्यक्ष हैं। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के खजनी विकासखंड के 85 ग्राम पंचायतों में 40 महिला ग्राम प्रधान निर्वाचित हैं। कुछ महिला प्रधान जागरूक हैं वह गांव की सरकार चला रहीं हैं। वहीं कुछ महिला प्रधानों को ग्रामीणों ने देखा तक नहीं है। ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक की बैठक से लेकर धन निकासी समेत सारा काम पति, देवर या बेटा कर रहे हैं। उनको अपने अधिकारों का ज्ञान तक नहीं है।वे बस घर गृहस्थी में ही माथापच्ची कर रही हैं। पंचायतीराज विभाग की ओर से जारी सूचना के अनुसार पंचायत की हर बैठक में प्रधान स्वयं ही हिस्सा लें । शिकायत, कार्यवाही की जानकारी पंचायत भवन में रखे रजिस्टर में सभी के हस्ताक्षर के साथ लिपिबद्ध कराएं। महिला प्रधानों के स्थान पर यदि उनके पति, बेटा या देवर मिनी सचिवालयों में बैठे अथवा उनका काम करते नजर आए तो पंचायती राज एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए शासनादेश जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट है कि ग्राम प्रधान के स्थान पर अगर कोई दूसरा प्रधानी करता है तो संबंधित प्रधान के कार्य पर रोक लगा दी जाएगी। साथ ही उसके वित्तीय समेत सभी अधिकार सीज कर दिए जाएंगे। सभी सचिवों को निर्देश है कि महिला प्रधान के कार्य में अगर कोई हस्तक्षेप करता है तो उसे वह स्वयं रोके और उसकी रिपोर्ट डीपीआरओ को भेजें। वहीं एकाध ग्राम पंचायत के प्रधान दलित है, लेकिन सारा काम सामन्य वर्ग के लोग कर रहे हैं। प्रधान हस्ताक्षर या अंगुठा की जगह अपना नाम व अंगूठा लगा रहे हैं। प्रधान संघ पदाधिकारी के संबंध में डीपीआरओ नीलेश प्रताप सिंह गोरखपुर ने कहा कि प्रधान ही संघ का पदाधिकारी हो सकता है, कोई दूसरा नहीं। अगर ऐसा कोई है तो उस पर कार्रवाई निश्चित है, क्योंकि पंचायतीराज एक्ट के खिलाफ है।

रिपोर्टर : कृष्ण मोहन

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