क्यों मनाई जाती हैं गुरु पूर्णिमा और कब हैं गुरु पूर्णिमा , जाने

हर साल गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती हैं. ऐसी मान्यता हैं की इस दिन वेद व्यास जी का जना हुआ था. यही कारण हैं की इस दिन को वेद व्यास जी की जयंती के नाम से मनाया जाता हैं. ऐसा कहा जाता हैं की गुरु पूर्णिमा के दिन पूजा और व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति होती हैं. इसके अल्वा इस दिन गुरु की पूजा करनी चाहिए. तो चलिए विस्तार से जानते हैं गुरु पूर्णिमा के बारे में....

पूजा विधि...

गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि से निवृत होकर भगवान विष्णु का ध्यान करें. 

पूजा घर को साफ करें और भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और वेद व्यास जी की मूर्ति स्थापित करें.

सबसे पहले भगवान विष्णु की मूर्ति का पंचामृत से अभिषेक करें और उन्हें पीले वस्त्र अर्पित करें.

चन्दन का तिलक लगाए . व्रत का संकल्प ले. और माता लक्ष्मी और वेद व्यास जी की पूजा करें.

इसके बाद गुरु चालीसा का पाठ करें और गुरु पूर्णिमा व्रत कथा भी पढ़े.

अंत में भगवन सत्यनारायण की आरती करें.

20 जुलाई को हैं गुरु पूर्णिमा..
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई को शाम 6 बजे शुरू होगी और 21 जुलाई को दोपहर 3.47 बजे समाप्त होगी.
शास्त्रों के अनुसार, पूर्णिमा व्रत चंद्रोदय व्यापिनी पूर्णिमा तिथि को ही किया जाता है. जब पूर्णिमा रात्रि में शुरू होती है, उस दौरान व्रत और पूजन किया जाता है. 20 जुलाई को पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा और 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर दान-पुण्य और अन्य कार्य किए जाएंगे.

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