नारी सशक्तिकरण से ही सभ्यताओं का उत्थान होगा

हाथरस : पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल द्वारा थाना सासनी क्षेत्र में स्थित सीमैक्स इंटरनेशनल स्कूल में यूनिसेफ की टीम के साथ जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर उपस्थित एनसीसी कैडेट्स को ऑपरेशन जागृति के उद्देश्यों के बारे में जानकारी देते हुए सुरक्षा संबंधी उपाय विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों, संचालित कार्यकारी कल्याणकारी योजनाओं व साइबर अपराधों से बचाव हेतु किया गया जागरूक। पुलिस अधीक्षक हाथरस के निर्देशन में जनपद में चलाये जा रहे अभियान “ऑपरेशन जागृति फेज़-02” के तहत समस्त थानों की ऑपरेशन जागृति टीम द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न स्थानों/पंचायतों पर कार्यक्रम आयोजित कर उपस्थित महिलाओं/बालिकाओं व आमजन को ऑपरेशन जागृति के उद्देश्यो के बारे में जानकारी देते हुये सुरक्षा सम्बंधी उपायों, विभिन्न हेल्पलाइन नम्बरों, संचालित कल्याणकारी योजनाओं व साइबर अपराधो से बचाव हेतु किया जागरुक। पुलिस अधीक्षक हाथरस  निपुण अग्रवाल के निर्देशन में ऑपरेशन जागृति फेज-2 अभियान के तहत जनपद के समस्त थानों की ऑपरेशन जागृति टीमों द्वारा यूनिसेफ के प्रतिनिधियों के साथ ग्रामों, मौहल्ले, वार्ड आदि स्थानों पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर महिला एवं बालिकाओं व आमजन को ऑपरेशन जागृति के उद्देश्यों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई और अभियान का जन-जन तक प्रचार प्रसार करने की अपील की गई। श्रीमान अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन,आगरा महोदया द्वारा जोन स्तर पर महिलाओं बालिकाओं की सुरक्षा/सशक्तिकरण/संवाद/परामर्श एवं विभिन्न प्रकार के अपराधों के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु यूनीसैफ के पदाधिकारियों के माध्यम से जोन स्तर पर ऑपरेशन जागृति अभियान की शुरूआत की गयी थी ।उपरोक्त अभियान के सफल संचालन एवं बेहतर परिणामों के फलस्वरूप जोन स्तर पर उक्त अभियान के द्वितीय फेज का पुनः शुभारम्भ किया गया है यह अभियान जोन स्तर पर दि0 24.06.2024 से 13.07.2024 तक चलाया जायेगा। ऑपरेशन जागृति फेज-02 अभियान के मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा हेतु बनाए गए कानूनों के दुरूपयोग व फॉल्स केसेस लव रिलेशनशिप के प्रति परिवारों किशोर व किशोरियों को सचेत करना महिलाओं का घरेलू हिंसा से बचाव।आपरेशन जागृति फेज-02 अभियान  की सहायता से महिलाओं/बालिकाओं के प्रति अपराधों में कमी आयेगी, गलत सूचनाएं दर्ज करने मे भी कमी आयेगी, कांउसलिंग और रिपोर्टिंग सिस्टम मजबूत होगा, पलायन सम्बन्धी मामलों में भी कमी आयेगी ।ऑपरेशन जागृति टीमों द्वारा यूनिसेफ के प्रतिनिधियों के जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर बताया गया कि नाबालिग उम्र में बालिकायें लव अफेयर, पलायन, लिव इन रिलेशनशिप जैसे मामलों में फँस जाती हैं और किन्ही कारणों से उनको समझौता करना पड़ता है कई बार बालिकायें अपनी सहमति से भी बिना सोचे समझे चली जाती है। साथ ही साथ बदनामी के भय से किसी से शेयर नहीं करती हैं, जिसके कारण वह ऐसी स्थिति से निकलने में अपने आपको अक्षम महसूस करती हैं। परिवार में आपसी संवादहीनता और अभिभावकों से डर के कारण बालिकाएं अपनी बात कह नहीं पाती है । इसके अतिरिक्त आज टेक्नोलॉजी के दुरूपयोग के चलते महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति साइबर बुलिंग के मामले भी सामने आ रहे है।

रिपोर्टर : आनन्द सिसोदिया

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