इस शहर में रहते है केवल 35 लोग

ये दुनिया जितनी बढ़ी है , उतनी ही जगह इस दुनिया में है जिनकी अलग अलग पहचान है , यहीं नही कुछ तो देश ऐसे भी है जो देश में सबसे बड़े होने की वजह से भी दुनिया  में मशहूर है , लेकिन आज हम आपकों जिस देश के बारे में बताने जा रहे है , वो देश दुनिया का सबसे छोटा देश है और जहां सि्र्फ 35 लोग रहते है , तो चलिए बतातें है आपको दुनिया के सबसे छोटे देश के बारे में . 

हर देश आज के समय में अपनी जनसंख्या को लेकर चिंतीत है , क्योंकि जनसंख्या ज्यादा होने के कारण बेरोजगारी महंगाई जैसी तमाम समस्याएं होती है , लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा है , जहां न तो भीड भाड है न ही कोई दिक्कत क्योंकि यहां रहते है केवल 35 लोग औऱ चार कुत्ते , साथ ही यहां के नेता को भी किसी सुरक्षा की जरूरत नही पड़ती वो खुले घूमते है , अमेरिका के नेवाडा में स्थित इस देश के अपने अलग कानून, परंपरा, यहां तक की अलग करेंसी भी है. आपको बता दें कि 1977 में केविन बॉघ (Kevin Baugh) और उनके एक दोस्त को अलग देश बनाने का विचार आया था. ऐसे में दोनों ने मिलकर मोलोसिया (Molossia) को एक माइक्रोनेशन के रुप में स्थापित किया. तब से लेकर अबतक केविन इस छोटे से देश के राष्ट्रपति (President of Molossia) हैं. उन्होंने खुद को वहां का तानाशाह घोषित कर रखा है, जबकि उनकी पत्नी को मोलोसिया की पहली महिला (First Lady) का दर्जा मिला है.केविन ने अपने जिस दोस्त के साथ माइक्रो नेशन मोलोसिया के स्थापना की कल्पना की थी, उसने थोड़े समय के बाद ही इस आइडिया को त्याग दिया. लेकिन केविन के मन में ये आइडिया घर कर गया और उन्होंने अपने इस शौक को आगे जारी रखा. यहां रहने वाले ज्यादातर नागरिक केविन के रिश्तेदार हैं, जो इस देश के बॉर्डर के आस-पास रहते हैं. लेकिन इस देश को अभी तक दुनिया की किसी भी सरकार से मान्यता नहीं मिला है. इस छोटे से देश में दुकान, लाइब्रेरी, श्मशान घाट के अलावा कई अन्य सुविधाएं मौजूद हैं. कई लोग इस अनोखे देश का टूर करने आते रहते हैं. लेकिन अंदर आने के लिए टूरिस्ट को अपने पासपोर्ट पर स्टैम्प लगवाना पड़ता है.

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