कुत्ते की वजह से रखना पड़ गया घर गिरवी

आज के जमाने में हर किसी को कुत्तों से बेहद प्यार होता है , वहीं आज के जमाने में हर व्यक्ति अपने घर में कुत्तों को पालने का भी शौक रखता है , लेकिन ये शौक कितना भारी पड़ सकता है , इस बात का अंदाजा ऐसे लगाइए कि एक व्यक्ति को कुत्ते को पालने के कारण अपना घर तक गिरवी रखना पड़ गया . जी हां चलिए बतातें है आपको पूरा मामला . 

ब्रिटेन के रहने वाले लिन होल्डम और एलन बैमफोर्ड के पास एक पालतू कुत्‍ता था. ज‍िसका नाम उन्‍होंने रूबी रखा था. एक दिन उनकी बेटी कायली पार्क में रूबी को टहला रही थी. तभी जैक रुजसेल क्रॉस (Jack Rujssell cross) ब्रीड के एक अन्‍य कुत्‍ते ने उस पर हमला कर दिया. उसका पेट फाड़ दिया और उसकी पीठ तोड़ दी. होल्डम ने बताया, सचमुच उसकी आंतें फट गईं थीं. कुत्‍ते ने मेरी बेटी पर भी हमला किया. उसका हाथ टूट गया. वह इतनी असहाय हो गई क‍ि कुत्ते को अपने ऊपर से नहीं हटा पा रही थी. उसके हाथ से खून बह रहा था.होल्‍डम ने कहा, हम बेटी और डॉगी रूबी को लेकर अस्‍पताल भागे. लेकिन उस वक्‍त सारे पशु च‍िक‍ित्‍सालय बंद थे. एक घंटे की ड्राइव के बाद हम एक अस्‍पताल पहुंचे. कायली को दवा दी गई. उसे कुछ राहत मिली. लेकिन रूबी की हालत खराब होती जा रही थी. उसकी जीभ बाहर लटक रही थी. उससे खून बह रहा था. हम उसे एक कपड़े में लपेटकर ले गए थे. रातभर ऑपरेशन चला. आख‍िरकार डॉक्‍टरों ने उसे बचा ल‍िया. लेकिन इसका बिल दिल दहला देने वाला था. अस्‍पताल ने शुरू में कुत्‍ते के इलाज का बिल 6000 पाउंड यानी तकरीबन 6 लाख रुपये बताया. लेकिन जब पता चला क‍ि रूबी की रीढ़ की हड्डी भी टूटी हुई है, तो यह बिल दोगुना हो गया. आईसीयू में रखने की वजह से उस पर रोज 40 हजार रुपये खर्च हो रहे थे. नतीजा जब हम डॉगी को लेकर घर आने की तैयारी कर रहे थे, तब पता चला क‍ि यह बिल 24 लाख रुपये तक पहुंच गया है. होल्डम ने कहा, हम शॉक्‍ड रह गए. हम नहीं जानते थे क‍ि इसे कैसे चुकाएंगे. हमें क‍िसी तरह अपनी डॉगी को बचाना था. हमें उसे बचने का मौका देना था. अब हमारे पास पैसे नहीं हैं. इसल‍िए हमने अपना घर ग‍िरवी रखा है. अगर इसके बाद भी नहीं हुआ, तो हमें घर बेचना होगा.

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