किसान सम्मान निधि लेने वालों के लिए बड़ी खबर, फार्मर रजिस्ट्री के बिना नहीं मिलेगी अगली किस्त

झांसी: उपनिदेशक कृषी एमपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि मुख्य सचिव, उ०प्र० शासन के द्वारा एग्रीस्टैक (डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर) के अन्तर्गत फार्मर रजिस्ट्री तैयार कराने सम्बन्धी शासनादेश जारी किया गया है। भारत एक कृषि प्रधान देश है, देश की अर्थव्यवस्था एवं विकास में कृषि की महती भूमिका है। कृषि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास द्वारा ही अर्थव्यवस्था का समग्र विकास सम्भव है। उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र से जुड़ी जनसंख्या 60 प्रतिशत के करीब है। कृषि क्षेत्र के विकास हेतु केन्द्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण योजनायें क्रियान्वित की जा रही है।
वर्तमान परिदृश्य में यह अत्यन्त आवश्यक है कि कृषि क्षेत्र के विकास हेतु चलाई जा रही विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक समय से पहुँच सके, जिससे संशाधनों के समुचित उपयोग से कृषि क्षेत्र का पूर्ण विकास सम्भव हो सके। इस योजना के संचालन से किसानों को निम्नलिखित सुविधायें प्राप्त हो सकेंगी यथा सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट, स्थानीयकृत और विशिष्ट लक्षित सलाह, बाजारों तक सुविधाजनक पहुंच प्राप्त करना आसान बनाना है। फार्मर रजिस्ट्री के अन्तर्गत प्रदेश के कृषक विवरण को एग्री स्टैक के अन्तर्गत तैयार कर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जायेगा। इस हेतु भारत सरकार द्वारा भूलेख के डेटाबेस को समेकित कर प्रत्येक राजस्व ग्राम के प्रत्येक समान नाम व पिता के नाम वाले कृषकों के ऑनलाइन बकेट तैयार कर राजस्व को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जायेगा, जिसका प्रयोग कर राज्य स्तर से फार्मर रजिस्ट्री तैयार किया जाना है। किसानों का डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री) का क्रियान्वयन किया जाना है जिसमें फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने हेतु भारत सरकार द्वारा राजस्व विभाग के भूलेख के डेटाबेस को समेकित कर प्रत्येक राजस्व ग्राम के प्रत्येक समान नाम व पिता के नाम वाले कृषकों को समेकित करते हुए ऑनलाइन बकेट तैयार कर राज्य को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जायेगा। भारत सरकार द्वारा विकसित मोबाइल एप का प्रयोग किया जायेगा, जिसमें प्रदेश के समस्त कृषकों के लिए सभी गाटों को सम्मिलित करते हुए कृषक के आधार से लिंक कराया जायेगा। 
तत्पश्चात् कृषक से ऑनलाइन सहमति प्राप्त करते हुए ई केवाईसी की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। पीएम किसान योजना के अन्तर्गत मिलने वाले किस्त हेतु फार्मर रजिस्ट्री का होना अनिवार्य होगा। यह आवश्यक है कि 30.09.2024 से पूर्व सभी कृषकों और विशेष रूप से पीएम किसान के लाभार्थियों का फार्मर रजिस्ट्री में अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाए, जिसमें किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले समस्त गाटा संख्या, सहखातेदार होने की स्थिति में गाटे में किसान का अंश, मोबाइल नम्बर, आधार संख्या, ईकेवाईसी विवरण फार्मर रजिस्ट्री में दर्ज होगा। किसी प्रकार के स्वामित्व हस्तांतरण (विरासत, बयनामा इत्यादि) होने पर फार्म रजिस्ट्री स्वतः ही अधावधिक हो जायेगी।
इस अभियान का शुभारम्भ योजना 01 जुलाई 2024 से संचालित किया जायेगा। फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने का कार्य दो चरणों में कराया जाना निर्धारित किया गया है। प्रथम चरण में 01 जुलाई से 31 जुलाई 2024 तक जिसमें कृषि विभाग, राजस्व विभाग, रोजगार विभाग एवं पंचायत विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से सघन अभियान चलाकर यह कार्य सम्पादित किया जायेगा। इसके बाद द्वितीय चरण में 01 अगस्त 2024 से इसे कृषकों के लिए खोल दिया जायेगा, जिससे अवशेष कृषकों द्वारा अपने फार्मर रजिस्ट्री की कार्यवाही को उपलब्ध कराये गए मोबाइल एप के माध्यम से स्वयं अथवा जन सुविधा केन्द्र के माध्यम से किया जा सके।फार्मर रजिस्ट्री का कार्य जनपद के सभी राजस्व ग्रामों में कैम्प के माध्यम से कराया जायेगा। किसान भाईयों को अवगत कराना है कि सभी किसान भाई अपने-अपने राजस्व ग्राम में आयोजित कैम्प में उपस्थित होकर अपना आधार, मोबाइल नम्बर व सभी खतौनी लेकर फार्मर रजिस्ट्री का कार्य कराना सुनिश्चित करें।
 
रिपोर्टर अंकित साहू

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