सामूहिक विवाह हो सकता है बेहतर विकल्प : आर डी फ़ौजी

 
झांसी। नव युवक कुशवाहा समाज की अतिआवश्यक बैठक हुई जिसमें काफ़ी विचार विमर्श चला और एक राय बनी की शादियों मे अनावश्यक खर्चो पर रोक लगाई जाए और वक्ताओं ने अपने अपने विचार  रखे जो निम्न प्रकार से है l 
 विवाह भारतीय संस्कृति में अति आवश्यक संस्कार है विवाह से ही परिवार का निर्माण होता है आज शादियों में अनावश्यक दिखाने का प्रचलन बढ़ रहा है यह दिखावा बड़े अमीर परिवारों के बजट में रहता है तो उन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन मध्य वर्गी परिवार के बच्चे भी उसी प्रकार के दिखावे का अपेक्षा करने लगते हैं जिसके कारण परिवार के मुखिया को अपनी जमीन बेचना पड़ती है या कर्ज लेना पड़ता है या फिर बरसों की जमा पूंजी अनावश्यक चीजों में खर्च हो जाती है जो उचित नहीं है जिन परिवारों को उचित लगे उनके लिए आज सामूहिक आदर्श विवाह  भी एक बेहतर विकल्प है l
शादियों में खर्च अपने बजट के अनुसार ही करने चाहिए शादियों में अत्यधिक अनावश्यक खर्च के स्थान पर अपने बच्चों के अच्छे शिक्षा पर खर्च करना चाहिए जो उनके भविष्य में काम आए l
 
खाने के मेन्यु पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है बहुत सारे आइटम बनाने से खाना बर्बाद होता है ज्यादातर देखा गया है कि हर शादी मे खाना एक ही तरह का होता है और खाने की क्वालियटी पर ध्यान नहीं देते है l और व्यवस्था करने वाले अपने कार्यक्रम मे  व्यस्त हो जाते है खाना खिलाने वाले अपनी मनमानी करके बैठ जाते है और खाना बच जाता है फिर वह किसी काम का नहीं होता है l 
 
शादियां हमेशा दिन मे करना चाहिए जिससे लाइट पर अनावश्यक खर्च न हो l शादियां बुद्ध रीति से या गायत्री परिवार से कराना अतिउत्तम है जिससे रतजागा से बचा जा सकता है l
         मौके पर नव युवक कुशवाहा समाज के दर्जनों पदाधिकारी गण मौजूद रहे l

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.