बाईसा झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई को समर्पित रही
झांसी। मासिक साहित्यिक सरस काव्य संगोष्ठी सम्पन पहचान पुस्तक कावं वैश्विक साहित्यिक पत्रिका का विमोचन किया गया।
शास्त्री विश्व भारती संस्कृति एवं साहित्य शोध संस्थान, शास्त्री भवन, सीपरी बाजार झांसी के सभाकक्ष में "नवम्बर माह की मासिक साहित्यिक काव्य संगोष्ठी डॉ. प्रमोद कुमार अग्रवाल साहित्यभूषण । सेवा निवृत्त आई०ए०एस०] की अध्यक्षता एवं डॉ० सुमन मिश्रा । वरिष्ठ कवियत्री के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुई। गोष्ठी विशिष्ट अतिथि श्रीमती ब्रजलता मित्रा श्रीमती रमाशुक्ला, श्रीमती रचना तिवारी (पहचान पुस्तक की लेखिका एवं राजकीय शिक्षिका) डॉ० ए०के० हिन्वासिया, श्री हरशरण शुक्ल, डॉ० बी० बी० त्रिपाठी रहे। गोष्ठी का शुभारम्भ श्रीमती ब्रजलता मिश्रा द्वारा स्वरचित सरस्वती बन्दना की प्रस्तुति से हुआ। तत्पश्चात राष्ट्रीय चेतना, देशभक्ति की अनुकरणीय आदर्श, वीरांगना महारानी महारानी लक्ष्मीबाईसा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित ओज पूर्ण सरस- काव्य प्रस्तुति करते हुए क्रमशः श्री रवि कुशवाहा (ललितपुर) राजेश तिवारी मक्खन, श्रीउस्मान अश्क श्री अताउल्ला 'हुनर डॉ० के० के साहू, काशीराम सेन, 'मधुप' गयाप्रसाद वर्मा, मधुरेश श्री कैलाश मालवीय, पं० दिनेश शर्मा श्री संजय तिवारी राष्टर्वादी, वालाप्रसाद यादव, बाल कवि, श्री हरशरण शुक्ल, तेजभान सिंह बुंदेला, श्री सी. बी. राय 'तरुण' श्रीमती रचना तिवारी, महा कवि श्री सुखराम चतुरवेदी, डॉ. नीतिशास्त्री सहित समस्त विशिष्ट अतिथियों, मुख्य अतिथि एवं सभा अध्यक्ष द्वारा रचनाएँ प्रस्तुत की।
इस अवसर पर श्रीमती रचना तिवारी द्वारा बुन्देलखण्ड की सफल-सशक्त नारियों के जीवन की पहचान देने वाली रचित पुस्तक 'पहचान' का विमोचन किया गया। डॉ० प्रमोद अग्रवाल जी के सम्पादन में प्रकाशित 'वैश्विक साहित्य त्रैमासिक पत्रिका का [जुलाई- सितम्बर-२५] अंक का विमोचन किया गया। गोष्ठी में श्री रसकेन्द्र गौतम, श्रीमती राजेश्वरी शर्मा, विभा पण्डया, अबुल जीवन कुशवाहा सुभाष चन्द्र आदि अनेक बोतागण उपस्थित रहे। गोष्ठी का सफल संचालन महाकवि सुखराम चतुर्वेदी फ़ौजी 'ने किया। स्वागत एवं आभार संस्थान की निर्देशिका डॉ सुधी नीति शास्त्री द्वारा किया गया। अन्त में दीपांजलि कार्यक्रम 19 नवम्बर का आमंत्रण सभी को दिया गया।
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