कृष्णजन्म की कथा में श्रोताओं ने जमकर किया नाच

गुरसरांय झांसी : गुरसरांय के ग्राम धनौरा में चल रही संगीत मई श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कृष्णजन्म की कथा में श्रोताओं ने जमकर नाच किया।
अयोध्या जगन्नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर महंत राघव दास जी महाराज ने कृष्णजन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि नंद एवं यशोदा पूर्व जन्म के द्रोड़ एवं धरा नाम के वसु थे जिन्होंने तपस्या करके भगवान की बाल लीलाओं का सुख प्राप्त करने का वरदान मांगा था।
उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के जन्म पर दूध दही की बृज में इतनी वर्षात हुई मानो सारा गोकुल क्षीर सागर बन गया हो और साक्षात विष्णु उसमे विहार कर रहे हों।
कथा में बधाइयों की प्रस्तुति पर श्रोताओं ने जमकर नृत्य किया।
कथा की आरती पारीछत लाखन सिंह जादौन ने की।
संगीतमय भागवत में आर्गन पर सुभाष अवस्थी, तबले पर विनोद तिवारी, ऑक्टोपैड पर वीरेंद्र दुबे ने संगत की ।भागवत का मूल पाठ पर हरि महाराज सनातन दास जी महाराज, हरिओम ने किया।
रिपोर्ट आशुतोष गोस्वामी
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