ब्राह्मणों ने जातिगत जनगणना की मांग को किया खारिज, सुशील ओझा

रामगढ़ : विप्र फाउंडेशन का राष्ट्रीय सम्मेलन गुजरात के सूरत में संपन्न हुई, विप्र फाउंडेशन के संस्थापक संयोजक सुशील ओझा ने कहा कि देश में उठ रहे जातिगत जनगणना का पुरज़ोर शब्दों में विरोध का निर्णय लिया, संस्था देश भर में भारतीय संस्कृति व ब्राह्मण विरोधी ताकतों के तरफ से किये जा रहे कुप्रचार का मुँहतोड़ जवाब देंगी, इसके लिए एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जरूरत पड़ने पर उतर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक सभी ब्राह्मणों को एक मंच पर लाकर सडकों पर भी उतरने पर कोई गुरेज नहीं है। विप्र फाउंडेशन की राष्ट्रीय परिषद की बैठक रविवार को सूरत में हुई, बैठक के विचार मंथन जिन ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें ब्राह्मणों को टार्गेट किये जाने पर विशेष चिंता व्यक्त की गई, बैठक में वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि सर्व समाज को एक साथ मिलकर चलने वालों को ब्राह्मणों को अलग थलग करने का कुचक्र रचा जा रहा है , अब चुप बैठने का समय नहीं है उठ खड़े होने का समय आ गया है, हालत यह है कि सनातन लगातार हो रहे हमले के केंद्र बिंदु में भी निशाने पर भी ब्राह्मण ही है। इसके लिए संगठित होकर ब्राह्मण को नीव मजबूत करनी होगी। झारखंड से कार्यक्रम में भाग लेने गये प्रतिनिधि  मुख्य रूप से रांची से  सी,ऐ,  जे पी शर्मा, सुशील मातोलीया ,अमित शर्मा, रामगढ़ से प्रदीप कुमार शर्मा, जमशेदपुर से शावर लाल शर्मा, गणेश दाइमा इत्यादि, सभी को मोमेंटो दे कर सम्मानित किया गया। बहुत सी योजना ध्वनि मत से पारित की गई।

 

रिपोर्टर : राजीव सिंह 

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