मानव तस्करी के आरोपी को 10 वर्षों की कारावास एवं जुर्माना

लातेहार :  अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय संजय कुमार दुबे की अदालत ने सत्रवाद  188/ 2013 की सुनवाई के उपरांत आरोपी शीला देवी को अधिकतम 10 वर्षों की सजा एवं एक लाख रुपया जुर्माना मुकर्रर किया है। श्री दुबे ने खचाखच भरी खुली अदालत में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के उपरांत शीला देवी को मानव तस्करी का दोषी पाया था।प्रभारी लोक अभियोजक अशोक कुमार दास के अनुसार मनिका थाना क्षेत्र के कमारू ग्राम निवासी प्रभु भुइंया ने अपनी पुत्री रजांति कुमारी की अपहरण कर दिल्ली ले जाने का आरोप गांव के ही शीला देवी राजेश भुइंया, सोहर भुइंया एवं कलावती देवी के विरुद्ध मनिका थाना कांड संख्या 29/ 13 दायर कराया था। मामला दर्ज होने के बाद अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी मारियानुष खलखो ने  आरोपी शीला देवी पति राजेश भुइंया ग्राम होटवाग के विरुद्ध आरोप पत्र संख्या 110 /2013 दिनांक 15 नवंबर 2013  अदालत में समर्पित किया था। श्री दास ने बताया कि अभियोजन की ओर से सूचक प्रभु भुइंया  सहित कुल सात गवाहों की गवाही कलमबद कराई गई थी। श्री दुबे की अदालत ने शीला देवी को भादवि की धारा 370/34 के तहत 7 वर्षों का सश्रम कारावास एवं एक लाख रुपए जुर्माना एवं जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 10 माह का साधारण कारावास, भादवि की धारा 371/34 के तहत 10 वर्षों की सश्रम कारावास एवं 75000 रू जुर्माना ,जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 7 माह का साधारण कारावास एवं भादवि की धारा 372 /34 के तहत 7 वर्षों का सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपया जुर्माना तथा जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 माह का साधारण कारावास की सजा सुनाया है। श्री दुबे की अदालत ने सभी सजायें साथ-साथ चलने एवं कारा में बिताये अवधि को सजा की अवधि से समायोजित करने का आदेश पारित किया है। अभियोजन पदाधिकारी श्री दास ने बताया कि पीड़िताके साथ आरोपियों ने अमानवीय व्यवहार किया था और वर्षों तक दिल्ली में कैद कर रखा था और परिजनों से बातचीत पर भी पाबंदी लगा रखा था।

 रिपोर्टर : बब्लू खान 
 

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