उपाध्यक्ष जिला परिषद लातेहार अनीता देवी का प्रयास रंग लाया

लातेहार : जिप उपाध्यक्ष अनीता देवी ने मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद सह उप विकास आयुक्त लातेहार को पत्र लिखकर जिला परिषद के अंतर्गत सभी सैरातों की बंदोबस्त के लिए अविलंब टेंडर करने का अनुरोध किया था l उन्होंने अपने पत्र में यह बताया था कि बिना टेंडर किए निविदाकर्ताओं का अवधि विस्तार करना एक तरफ जहां वित्तीय अनियमितता है वहीं दूसरी ओर इससे जिला परिषद को राजस्व की क्षति हो रही है l उन्होंने अपने पत्र में कई गंभीर सवाल भी खड़ा किए थे l 

         उन्होंने अपने पत्र में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी का ध्यान आकर्षित किया था कि वित्तीय वर्ष 2024 25 में जिला परिषद लातेहार अंतर्गत किसी भी सैरात की बंदोबस्ती हेतु निविदा नहीं निकाली गई है जिससे एक तरफ सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ वित्तीय अनियमितता की संभावना बढ़ रही है l उन्होंने अपने पत्र में विचारणीय बिंदु पर जिक्र किया था

 जब पूर्व से ज्ञात था कि लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के कारण मार्च महीने में आचार संहिता लग सकती है तो सैरातों के बंदोबस्ती हेतु निविदा के लिए पूर्व में समुचित प्रयास क्यों नहीं किए गए ? जिला परिषद की बैठक में बिना सहमति लिए किस आधार पर और किस नियम के तहत पुराने निविदाकर्ता का समय अवधि विस्तार दिया गया l  चंदवा बस स्टैंड, चंदवा बाजार और महुआडंlड बस स्टैंड को विभागीय कर्मियों के साथ बंदोबस्ती किया गया है l इसमें भी जिला परिषद की  बैठक में  ना तो इस बात की चर्चा की गई है और न हीं इस तरह की कोई सहमति ली गई है l और न हीं इस हेतु बैठक की तिथि निर्धारित कर मामले को विधिमान्य कराने हेतु  कोई प्रयास किया गया  l

भवदीय पत्रों के द्वारा जारी आदेश में सर्वप्रथम निविदाकर्ता को 3 महीने अप्रैल से जून तक का राजस्व वसुली का समय अवधि विस्तार दिया गया lपुनः जुलाई और अगस्त के लिए 2 महीने का समय अवधि विस्तार दिया गया है और इस बीच में निविदा प्रकाशन हेतु कोई भी समुचित प्रयास नजर नहीं आ रहे हैं l ज्ञात हो कि झारखंड विधानसभा आम निर्वाचन 2024 के मद्देनजर  आदर्श आचार संहिता सितंबर अक्टूबर में लग सकती है l ऐसी स्थिति में ऐसा प्रतीत होता है कि जानबूझकर निविदा को टालने का प्रयास किया जा रहा है l 

निविदा टालने का एक कारण यह भी दिया जा रहा है कि लातेहार और महुआडंड अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा रेट चार्ट नहीं दी जा रही है, जबकि उप विकास आयुक्त जिले में राज्य सेवा के सबसे बड़े पदाधिकारी होते हैं और ऐसी स्थिति में यह कहना कि अनुमंडल पदाधिकारीयों के द्वारा रेट चार्ट नहीं दिया जा रहा है l  प्रशासनिक क्षमता पर संदेह उत्पन्न करता है l साथ ही यह कृत्य जिला परिषद के प्रति प्रतिबद्धता के विरुद्ध है l 

इस प्रकार इस वित्तीय वर्ष में बिना निविदा के  पिछले वित्तीय वर्ष में चयनित निविदा कर्ताओं को पुराने रेट पर राजस्व वसूली के लिए अवधि विस्तार देना अनधिकृत रूप से वित्तीय लाभ पहुंचाने का प्रयास  है l यह एक गंभीर विषय है l यह भी ज्ञात हो कि उप विकास आयुक्त की पदस्थापना मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद के रूप में ही की जाती है l ऐसी स्थिति में जिला परिषद के दायित्वों का निर्वाह सही तरीके से नहीं करना गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है lझारखंड पंचायती राज अधिनियम में स्पष्ट वर्णित है की जिला परिषद की बैठक महीने में कम से कम एक बार अवश्य की जाए l 

ऐसी स्थिति में यह विचारणीय विषय है कि वर्ष 2024 में लातेहार जिला परिषद की एकमात्र बैठक फरवरी माह में हुई है l  इस संदेह की पुष्टि कर रहा है lउन्होंने मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी से आग्रह किया था कि जिला परिषद के राजस्व स्रोतों को बढ़ाने एवं वित्तीय अनियमितता से बचने हेतु अविलंब विभागीय स्तर पर की जा रही वसूली  एवं पिछले  वर्ष के निविदादाताओं को दिए गए अवधि विस्तार को अविलंब रद्द करते हुए सैरातों की बंदोबस्ती हेतु अविलंब निविदा निकाली जाए lसाथ ही जिला परिषद की आगामी बैठक में तथ्यों के साथ इस मामले को रखने और  मामले की जांच हेतु जिला परिषद के अंदरूनी कमेटी बनाई जाए l

विषय की गंभीरता को देखते हुए उपाध्यक्ष अनीता देवी ने पत्र की प्रतिलिपि प्रधान सचिव, पंचायती राज विभाग, झारखंड सरकार lसचिव, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग एवं सदस्य सचिव, राज्य वित्त आयोग, झारखंड को भी प्रेषित की थी l

उपाध्यक्ष का प्रयास रंग लाया और टेंडर की निविदा निकाल दी गई है l महुआडांड का टेंडर मंगलवार को निकाला जाएगा lलेकिन यह प्रश्न उठता है कि इस बीच जो वित्तीय अनियमितता  हुई है, उसके दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई कौन करेगा ??

 

रिपोर्टर :  बब्लू खान 

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