बाल दिवस-अनोखा दिवस
झारखण्ड : बाल दिवस समस्त बच्चों के लिए,
एक अनोखा दिवस है हमारे देश में,
इस दिन समस्त बच्चे एक सीख लेते हैं,
देश के प्रथम प्रधानमंत्री का अनुशरण करते हैं!
पंडित जवाहरलाल नेहरू नाम था जिनका,
अमीरी घर में जन्म हुआ था उनका,
शानौ शौकत मे पले बढ़े थे
घर में कोई चीज की कमी नही झेले थे!
पढें लिखे उच्च कोटि के थे,
विदेशों में जाकर भी शिक्षा ग्रहण किये थे,
पेशा भी बहुत ही अच्छा अपनाये थे!
लेकिन उस वक्त हमारा देश हिनुस्तान,
विदेशियों के चंगुल में फंसे हुए थे,
ये सब देख नेहरू का मन विचलित था,
विदेशियों से मुक्त भारत का सपना रखा था!
आजादी का आवाज बुलंद किया घुम घुम कर,
लोगों को जागृत किया बढ चढाकर,
खुद का आरामदायक जीवन को त्यागकर,
मातृभूमि की सेवा में लग गया कूदकर!
अंततः गुलामी से देश हमारा हुआ आजाद,
इसमे सहयोग रहा सबका भरपूर,
देश के बने वे प्रथम प्रधानमंत्री,
देश को था उनपर गुरूर!
बच्चों के थे वे अत्यंत प्यारे,
खूब करते थे ,वे भी बच्चों से दुलार,
उनके जंयती 14नवम्बर को सरकार ने,
बाल दिवस के रूप मे किया स्वीकार!
बच्चों को ये दिवस अनोखा बताया गया,
उस महान पुरूष के नक्शेकदम पर चलने को,
समस्त बच्चो मे प्रेरणा दिया गया,
सुख सुविधाओं को त्यागकर भी देश सेवा का भाव जगाया गया!
बाल दिवस हो अनोखा दिवस बच्चों के लिए
अंत हमसबो ने संकल्प लिया,
हरेक विद्यालय, महाविद्यालय मे,
हरेक वर्ष धूमधाम से मनाने का प्रचलन किया!
श्रद्धासुमन अर्पित कर उस महान पुरूष की,
आत्मा को शान्ति पहुंचाने का काम किया!
रिपोर्टर : धीरेन साहा
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