मनरेगा कार्य का भुगतान न होने से कर्ज में डूबे हुवे हैं लाभुक

चतरा : लावालौंग केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा मजदूरों का पलायन रोकने व स्थानीय तौर पर अकुशल श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की मिसाल पर अब प्रश्न चिन्ह उठने लगे हैं। वही मजदूरों को मनरेगा से रोजगार देने के दावे पर सवाल भी उठने लगे हैं।क्योंकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग मनरेगा मजदूरों के पास इतनी पर्याप्त राशि नहीं होती , कि वह अपने परिवार का भरण पोषण अगले एक माह तक भी कर सके औऱ ऐसे में यदी उन्हें लगभग दो -तीन महीने तक मजदूरी ना मिले तो उनके समक्ष रोजी-रोटी समेत परिवार के परवरिश का संकट उत्पन्न हो जाता है।अब ऐसे में मजदूर पलायन की ना सोचे तो क्या करे।मजदूरी में इतनी लंबी विलंब के कारण सक्रिय मजदूरों  का स्थिति काफी दैनीय हो गई है।मजदूर बताते हैं की मजदूरी भुगतान में विलंब के कारण भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है स्थिति यह है की मजदूर अब कर्ज ले कर अपने परिवार का भरण पोषण करने को विवश है।वही सामग्री भुगतान की बात की जाय तो बिरसा कूप लाभुक कर्ज में डूबे हुवे हैं उन्होंने बताया कि मनरेगा में सामग्री का भुगतान लगभग नौ महीने से नही हो पाया है।जिसके कारण बिरसा कूप लाभुक कर्ज में डूबे हुवे हैं।लाभुकों ने विषम परिस्थिति में कर्ज लेकर किसी तरह कार्य पूर्ण तो पूरा करवा लिए लेकिन अब कर्ज का भुगतान करने में ब्याज की राशी देनी पड़ रही है।

क्या कहते हैं पदाधिकारी:- मजदूरी भुगतान में विलंब को लेकर प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया की सरकार के द्वारा राशि उपलब्ध होते ही भुगतान कर दी जाएगी।

 रिपोर्टर : मो० साजिद 

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