नारी के अस्तित्व से ही समाज का कल्याण होता है - धर्मेंद्र कुमार

कौशाम्बी : डॉ० रिज़वी स्प्रिंगफील्ड स्कूल में शनिवार को हिंदी दिवस मनाया गया। जिसमें विभिन्न कक्षा वर्ग से छात्र छात्राओं ने वर्तमान समय मे नारी का समाज मे स्थान और सहभागिता पर अपने विचार कविता और कहानी के माध्यम से प्रस्तुत किये। छात्रों ने अपनी प्रस्तुति से सबको प्रभावित किया। जिसकी विद्यालय के प्रधानाचार्य ने भी तारीफ की। हिन्दी दिवस के मौके पर डॉ० रिज़वी स्प्रिंगफील्ड स्कूल में कविता, कहानी और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका शीर्षक था - वर्तमान समय मे नारी का समाज मे स्थान और सहभागिता। इस कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के हिंदी प्रवक्ता अश्नीत कुमार तिवारी ने किया। उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य धर्मेंद्र कुमार को दो पुस्तक  रामधारी सिंह दिनकर जी की रश्मिरथी काव्य और श्रीलाल शुक्ल जी की रागदरबारी उपन्यास भेंट की । इसके बाद कक्षा 9 से 12 तक के छात्र छात्राओं में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें   अशोक, शिवाजी, टैगोर और रमन सदन के छात्र छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति से उपस्थित सभी श्रोताओं को प्रभावित किया। इसके बाद कक्षा 6 से 8 के छात्र छात्राओं में कहानी वाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और अंत मे कक्षा 3 से 5 तक के छात्र छात्राओं में कविता का सस्वर वाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। अपनी प्रस्तुतियों से छात्रों ने खूब तालियां बटोरी। इसके बाद विद्यालय प्रधानाचार्य ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए समाज में नारी का योगदान को बताया। उन्होंने बताया कि नारी को भारतीय संस्कृति में देवी, शक्ति का स्वरूप, और समाज के आदान-प्रदान का अभिन्न हिस्सा माना गया है। उसे परिवार का संजीवनी बूटी माना जाता है, जो समाज की निर्माण में सहायक होती है। वेदों और पुराणों में नारी को आदर्श माना गया है। वैदिक साहित्य में नारी को ज्ञान, कला, और शक्ति का स्रोत कहा गया है। इसी के साथ उन्होंने मंच के माध्यम से छात्रों की प्रस्तुतियों की भी सराहना की और उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की। इस मौके पर सना अब्बास, पवन कुमार ओझा, पूजा रावत, तनुश्री दा आदि अध्यापक एवम छात्र छात्राएँ मौजूद रहे।

रिपोर्टर : इम्तियाज़ अहमद

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