दिन सवर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही- पढ़िए कुमार विश्वास प्रसिद्ध कवितायेँ
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लेख़क- अर्पित सिंह सिसोदिया
डॉ कुमार विश्वास कवि मंचों के एकमात्र ऐसे कवि ,शायर है. जिन्होंने मंच पर हिंदी साहित्य को बुलंदियों पर पंहुचा दिया उनकी अंदाज़े -बयां इस कदर लोगो को पसंद आने लगी है. जिसने ना सिर्फ युवा दिलो पर बल्कि हर वर्ग, हर मजहब ,हर देश के लोगो को उनकी शायरी सुनने और पढ़ने पर मजबूर किया. डॉ॰ विश्वास हिंदी के वर्तमान समय के सबसे प्रसिद्ध कवि हैं, इन्टरनेट और सोशल मिडिया पर सबसे अधिक अनुसरण किये जाने वाले पहले कवि हैं. ये अक्सर कविता पाठ और कवि सम्मेलन में सक्रिय रहते हैं. हजारो की संख्या में डॉ॰ विश्वास ने देश विदेश के सम्मेलनों में हिस्सा लिया हैं. इन्होने भारत के अतिरिक्त अमेरिका, आबुधाबी, दुबई, सिंगापूर, ब्रिटेन, नेपाल जैसे देशो में भी कविता पाठ में हिस्सा लिया हैं. भारत में डॉ॰कुमार ने बहुत सारें कविता पाठों में भाग लिया हैं और ले रहे हैं. आधुनिक हिंदी के साहित्यकार नीरज जी ने इन्हे निशा-नियामक की उपमा दी हैं. उन्होंने अन्ना आंदोलन में भी अपनी काफ़ी बड़ी भूमिका निभाई थी डॉ कुमार ने अपनी कविताओं के माध्यम से आंदोलन कर रहे लोगो में जान फुक दी थी. तो चलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुमार विश्वास की सबसे लोकप्रिय कवितायेँ.......
1- तुम मिलो तो सही कविता
तुम मिलो तो सही कविता
दिन सवर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही
जख्म भर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही
रास्ते में खड़े दो अधूरे सपन
एक घर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही
ये वक़्त के क्रूर छल का भरोसा नहीं
आज जी लो के कल का भरोसा नहीं
दे रहे है वो अगले जनम की खबर
जिनको अगले ही पल का भरोसा नहीं
दूर तू है मगर मै तेरे पास हु
दिल है गर तु तो दिल का मै एहसास हु
प्रार्थना या इबादत या पूजा कोई
भावना है अगर तू मै विश्वास हु
इस अधूरी जवानी का क्या फ़ायदा
बिन कथा नक कहानी का क्या फ़ायदा
जिसमे धूल कर नज़र भी न पावन बने
आँख में ऐसे पानी का क्या फ़ायदा
मेरे दिल में जले हर दीये की क़सम
आज तक जो किया उस किये की क़सम
मै जहां आस्ले रोज़ बैठा रहा
लौट आओ उसी आशिये की क़सम
ताल को ताल की झंकृति तो मिले
रूप को भाव की अनुकृति तो मिले
मै भी सपनो में आने लगू आपके
पर मुझे आपकी स्वीकृति तो मिले
दिन सवर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही
जख्म भर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही
रास्ते में खड़े दो अधूरे सपन
एक घर जायेंगे ,तुम मिलो तो सही
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2- कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!
मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !
कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नही सकता !
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !!
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले !
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!
भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा!
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा!!
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का!
मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा!
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3- तुम्हें जीने में आसानी बहुत है,
तुम्हारे ख़ून में पानी बहुत है |
ज़हर-सूली ने, गाली-गोलियों ने,
हमारी जात पहचानी बहुत है |
कबूतर इश्क का उतरे तो कैसे,
तुम्हारी छत पे निगरानी बहुत है |
इरादा कर लिया गर ख़ुदकुशी का,
तो खुद की आखँ का पानी बहुत है |
तुम्हारे दिल की मनमानी मेरी जान,
हमारे दिल ने भी मानी बहुत है |
------------ डॉ कुमार विश्वास
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