संयम पर्व के रूप में मनाया पिच्छिका परिवर्तन

ललितपुर - नगर में चातुर्मास कर रहे आर्यिका संघ का भव्य पिच्छिका परिवर्तन बड़ा जैन मंदिर के आचार्य विद्यासागर सभागार मे आयोजित किया गया,इस धार्मिक आयोजन में दूर - दूर से आर्यिका संघ के भक्तजनो ने अपनी भागीदारी निभाई।कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य विद्यासागर पाठशाला के बच्चों के मांगलिक नृत्य मंगलाचरण के साथ हुआ। समाधिस्थ संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज एवं आचार्य श्रेष्ठ समय सागर महाराज की आज्ञानुवर्ती शिष्या आर्यिका रत्न श्री धारणामति माता जी , आर्यिका श्री मुदित मति जी एवं आर्यिका संयतमति माताजी का वर्षायोग 2024 महरौनी के बड़े मंदिर में सम्पन्न हुआ। चातुर्मास का समापन पिच्छिका परिवर्तन के साथ हुआ, आर्यिका रत्न श्री धारणामति ने बताया कि अहिंसा धर्म के पालन के लिए एक ही स्थान पर रहकर चातुर्मास किया जाता है, संत के जो उपकरण है उसमें एक पिच्छी भी है, यह पिच्छिका मयूर पंख की होती है। आर्यिका श्री ने पिच्छिका परिवर्तन समारोह एवं धार्मिक आयोजन के संबंध में कहा कि ऐसे आयोजन सदैव सभी के अंदर संयम, तप, त्याग, दया के भाव जाग्रत करते है। पिच्छि लेने व देने वालों को कुछ संयमी नियमों का पालन करना पड़ता है। आर्यिका धारणामति की पिच्छिका लेने का सौभाग्य अरविंद अंजली मिठया मिला, आर्यिका मुदितमति की पुरानी पिच्छिका लेने का सौभाग्य मुकेश सुमन सराफ को प्राप्त हुआ।आर्यिका संयतमति की पुरानी पिच्छिका लेने का सौभाग्य विनोद ममता विलौआ को प्राप्त हुआ, कार्यक्रम को सफल बनाने में दिगम्बर जैन पंचायत समिति, श्री यशोदय तीर्थ कमेटी, श्री शांतिनाथ समिति,श्री चंद्राप्रभु जिनालय कमेटी,श्री सर्वतोभद्र जैन सौशल ग्रुप,श्री सुधा सागर यशोदय व्यायाम शाला,श्री यशोदय सुधासागर महिला समिति, अखिल भारतीय महिला परिषद,श्री विद्यासागर पाठशाला सहित सकल समाज का योगदान रहा।

रिपोर्टर : ऋषि तिवारी

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