महाशिवरात्रि कल, जानें कैसे करें पूजा कि पूरी हो सारी मनोकामनाएं
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हिन्दू धर्म में महादेव, त्रिदेवों में सबसे महत्वपूर्ण देवता हैं जो भोलेनाथ, महादेव, शिव शंकर, नीलकंठ, महेश, रुद्र, गंगाधार, महाकाल इत्यादि सैकड़ों नामों से जाने जाते हैं. पुरे विश्व में भोले बाबा के लाखों भक्त आज भी मौजूद हैं. ये देवों के भी देव महादेव हैं, जो की कैलाश पर्वत पर अपनी अर्धांगिनी (शक्ति) माता पार्वती और अपने दोनों पुत्रों गणेश और कार्तिके के साथ निवास करते हैं. भोलेनाथ की पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती हैं. महाशिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है, इस वर्ष महाशिवरात्रि कल यानी 01 मार्च दिन मंगलवार को है.महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा और व्रत रखने का विशेष महत्व होता है. यहां जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व...
पूजन मुहूर्त
आइए जानते हैं इस दिन चार पहर की पूजा का समय
महाशिवरात्रि पहले पहर की पूजा: 1 मार्च 2022 को 6:21 pm से 9:27 pm तक
पूजा के लिए निम्नलिखित चीजें आवश्यक हैं:
शिव लिंग या भगवान शिव की एक तस्वीर, बैठने के लिए ऊन से बनी चटाई, कम से कम एक दीपक , कपास की बत्ती, पवित्र बेल, कलश या तांबे का बर्तन, थाली, शिव लिंग रखने के लिए सफेद कपड़ा, माचिस, अगरबत्तियां, चंदन का पेस्ट, घी, कपूर, रोली, बेल के पत्ते (बेलपत्र), विभूति- पवित्र आशु, अर्का फूल, छोटी कटोरी, गुलाब जल, जैफली, गुलाल, भंग
पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले शिवलिंग में चन्दन के लेप लगाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं.
दीप और कर्पूर जलाएं.
पूजा करते समय ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें.
शिव को बिल्व पत्र और फूल अर्पित करें.
शिव पूजा के बाद गोबर के उपलों की अग्नि जलाकर तिल, चावल और घी की मिश्रित आहुति दें.
होम के बाद किसी भी एक साबुत फल की आहुति दें.
सामान्यतया लोग सूखे नारियल की आहुति देते हैं.
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