लोकसभा चुनाव में हार के बाद बौखलाईं मायावती, पूरा सिस्टम ही बदल दिया
लोकसभा चुनाव में जहां एक तरफ इस बार सपा-कांग्रेस ने बाजी मारते हुए उत्तर प्रदेश की आधे से ज्यादा सीटे अपने नाम कर ली तो वहीं इस बार बहुजन समाज पार्टी शून्य पर ही रह गई. जी हां इस बार के लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी वोट नहीं मिले. पार्टी का वोट शेयर दशकों बाद सिंगल डिजिट में आ गया है. यहां तक की बसपा के कोर वोटर कहे जाने वाले मुस्लिम और दलितों ने भी मायावती का साथ नहीं दिया. यही कारण है कि चुनाव परिणाम आने के बाद मायावती ने मुस्लिम वोटरों के प्रति नाराजगी जाहिर की.
वहीं लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद बसपा प्रमुख मायावती ऐक्शन मोड में आ गई हैं. यूपी में उन्होंने संगठन मे बड़ा फेरबदल करते हुए पूरा सिस्टम ही बदल दिया है. यहां मंडलीय व्यवस्था खत्म करके अब सेक्टर सिस्टम लागू किया है. वहीं हरियाणा में सीधे प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सोरखी पर गाज गिरी है. उनको पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह धर्मपाल तिगरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती और गोरखपुर मंडल का एक सेक्टर बनाया गया है. प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल को इस सेक्टर का मुख्य इंचार्ज बनाया गया है. उनके साथ घनश्याम खरवार, सुधीर कुमार भरत, सुरेश कुमार गौतम को भी इंचार्ज बनाया गया है.
अलीगढ़, आगरा, कानपुर और प्रयागराज सेक्टर में श्मसुद्दीन राइन के साथ सूरज सिंह जाटव और परवेज कुरील को जिम्मेदारी दी गई है. मुनकाद अली को मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और बरेली का मुख्य जोन इंचार्ज बनाया गया है. इसके अलावा मिर्जापुर, वाराणसी और आजमगढ़ को मिलाकर एक सेक्टर बनाया गया है. वहीं लखनऊ झांसी, चित्रकूट का अलग सेक्टर होगा. इसमें शमसुद्दीन राइन को मुख्य इंचार्ज बनाया गया है. मायावती ने मंडलवार पदाधिकारियों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं. जल्द ही कई और सेक्टरों के इंचार्जों की तैनाती की जाएगी. उसके बाद जिला स्तर तक के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगी.
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