ऐसा पर्वत जिस पर बनी ओम की आकृति
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वैसे तो दुनिया में कई सारी अद्भुद और मनमोहित चीजें मोजूद हैं. दुनिया में कई सारी इसी जगह हैं जिनका दृश्य किसी स्वर्ग से कम नहीं है. यह धरती कई तरह के रहस्यों को समेटे हुई है, जिनके बारे में आज तक वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए हैं कि इनकी उत्पत्ति आखिरकार किस तरह हुई होगी. इनमें से कुछ पर्यटन लिहाज से फेमस है, तो कुछ पर्यटक और अध्यात्मिक तौर पर. आज एक ऐसे ही धार्मिक स्थल के बारे में बात करेंगे, जिसका अद्भुद नज़र किसी के भी मन को मोह लेता है. बता दें कि इस पर्वत पर प्राकृतिक ओम की आकृति बनी हुई है. जिसके पीछे कई सारे रहस्य भी छुपे हैं आइये जानते हैं इन रहस्यों के बारे में विस्तार से...
ओम पर्वत पिथौरागढ़ जिले से 170 किलोमीटर दूर नाभीढांग स्थित है. इस पर्वत को हिंदु धर्म के लोग बेहद खास मानते हैं. कहा जाता है इस पर्वत का सीधा कनेक्शन हिंदु देवता भगवान शिव से है. कहा जाता है इस पर्वत पर कोई भी भगवान शिव की उपस्थिती और आशिर्वाद महसूस कर सकता है. ओम पर्वत के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का वर्णन महाभारत, रामायण एवं वृहत पुराण, जैसे ग्रंथों में मिलता है. बता दें की ओम पर्वत की ऊंचाई समुद्र तल से 6,191 मीटर की ऊंचाई (20,312 फीट) है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, हिमालय में कुल 8 जगह ओम की आकृति बनी हुई है, लेकिन अभी तक सिर्फ इसी जगह पर ऊं की खोज हुई है. यहां यात्रियों को प्राकृतिक रूप से ऊं की ध्वनि सुनाई देती है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा पर्वत पर गिरने वाली बर्फ के कारण हो सकता है. जब इस पर्वत की चोटी पर सूर्य की पहली किरण पड़ती है, तो ऊं शब्द की स्वर्णिम आभा चमकने लगती है.
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