जय श्री रामभक्त हनुमानजी महाराज की जंजीर दोहावली

॥दोहा ॥

वंदे कपि हनुमानजी वंदे पवन कुमार,
सब मानव और देवका , आप हो रक्षणहार ,
ॐ श्री राम  रामाय नम: ॐ श्री रामदुताय नम:
उपासनासें करुं सेवा पूजा ध्यान
रक्षामाम कपि देवता बजरंगी हनुमान
ॐ श्री राम रामाय नम: ॐ श्री रामदुताय नम:
भूत प्रेत पिशाच जीन शत्रु है बलवान
मैं हुं भय जंजीर मे मुझे दो मुकतिदान
ॐ श्री राम रामाय नम: ॐ श्री रामदुताय नम:
सभी अरिको बाधलो कर लंगुर जंजीर
मैं शरणागत आपके हनुमंत महावीर
ॐ श्री राम रामाय नम: ॐ श्री रामदुताय नम:
व्यापक हो कपि विश्र्वमें तिन भूवनमें स्थान
 प्रगट प्रतापी आप हो वजॢ देही हनुमान
 ॐ श्री राम रामाय नम:ॐ श्री रामदुताय नम:
भय बहोत तेरी जंजीर ।बंधन मेरी काय
 कृपा करो हनुमानजी जंजीर टुट जाय
 ॐ श्री राम रामाय नम:ॐ श्री रामदुताय नम:
यहि बहोत तेरी जंजीर सबजन बंधन मुकत  
 उपासना हनुमान कीं  करदे बंधन मुकत
 ॐ श्री राम रामाय नम:ॐ श्री रामदुताय नम:
पठे पाठ बडे प्रेम से ऐक हि अरु संयुकत
 अरि श्री परिबल परसे नही सब होवे भयमुकत
ॐ श्री राम रामाय नम: ॐ श्री रामदुताय नम:
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जय श्री राम ॐ ह्रीँ नम: स्वाहा  

ॐ हं हनुमंते नमो नम : ॐ ह्रीँ नम : स्वाहा  जय श्री राम

ॐ नमो हनुमंते भयभंजनाय सुखम करु फट् स्वाहा ॐ ह्रीँ नमः स्वाहा

रिपोटर : चंद्रकांत  पूजारी

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