मुंबई मे फेरीवालों के साथ धोखा कर रहे हैं मनपा के अधिकारी ?

मुंबई-  एक लाख फेरीवालों को मुंबई मनपा के सर्वे से कागज से करीब एक लाख फेरीवालों को गायब करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। ऐसा आरोप फेरीवालों के यूनियंस ने लगाया है। दरअसल, कल तकरीबन ६ साल के बाद आयोजित टाउन वेंडिंग कमेटी की सभा को इसी मुद्दे को लेकर स्थगित करनी पड़ी। सभा में ये चर्चा इतनी जम कर हुई कि मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल सभा स्थगित कर वहां से चलते बने।

इस संदर्भ मे फेरीवालों के नेता और आजाद हॉकर्स यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष दयाशंकर सिंह का कहना है कि मुंबई मनपा के अधिकारी फेरीवालों के साथ धोखा कर रहे हैं। जब मनपा मुंबई उच्च न्यायालय के ६५२ / २०१७ का आर्डर दिखाती है तो मोशन ७०० / २०१७ को क्यों भूल जाती है, जिसमें यह आदेश दिया गया है कि १ / ५ / २०१४ के पहले के फेरीवाले पात्र हैं। सभा में इसी विषय को लेकर की जिनका सर्वे हुआ है, जो ९९ हजार ४३५ फेरीवाले जिनका सर्वे हुआ है उन सबको वोट का अधिकार होना चाहिए। इस मामले पर सभी यूनियंस ने विरोध किया। अंत में मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने हाथ उठवाकर इस मुद्दे को पास करना चाहा। लेकिन पुलिस और एमएमआरडीए के लोगों को छोड़कर ८ लोगों ने मुंबई के पात्र फेरीवालों का अधिकार मत छीनो इस पर चर्चा न करते हुए विरोध किया। लाखों फेरीवालों को उसके अधिकार से वंचित किया जा रहा है। इस बहस के बाद टाउन वेंडिंग कमेटी के अध्यक्ष मनपा आयुक्त सभा खत्म करके निकल गए।
बता दें कि आजाद हॉकर्स यूनियन के मुंबई उच्च न्यायालय में दायर याचिका ६५२ २०१७ के तहत टाउन वेंडिंग कमेटी का चुनाव कराने को लेकर चर्चा शुरू हुई। मनपा अधिकारी कबरे ने कहा कि मुंबई के मात्र ३२,०४७ फेरीवालों को वोट देने का अधिकार है। इस विषय पर आयटक हॉकर्स के हैदर इमाम ने कहा कि जब आप लोगों ने कोर्ट में यह दिखाया है कि मुंबई से १ लाख २८ हजार फेरीवालों के आवेदन फॉर्म जमा हुए थे, जिनमें ९९ हजार ४३५ लोगों का सर्वे हुआ है तो वोट देने का अधिकार भी उन्हीं पात्रों को होना चाहिए।

रिपोर्ट- मोहम्मद सलीम

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