ठाकरे इस्तीफा ना देते,तो उनकी सरकार बन सकती थी

मुंबई : अमरावती राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने लिए सारे फैसले गलत थे.अगर ठाकरे ने इस्तीफा ना दिया होता,तो उनकी सरकार बन सकती थीं.ऐसा पांच बेंच वाली जजों के घटनापीठ ने कहां. अगर राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के सारे फैसले गलत है,तो अब उन्हें क्या सजा है ? ये सवाल उद्धव ठाकरे ने प्रेसवार्ता में उठाया.और आम जनता में भी चर्चा का बाजार गर्म है, की अपने पद के अधिकारों का गलत इस्तेमाल करने वाले राज्यपाल को क्या ऐसे ही छोड़ा जाएंगा?

देखा जाए तो सुप्रीम कोर्ट ने सत्ता संघर्ष में दिए फैसले में दोनो गुटों का खुश किया है. महत्वपूर्ण 16 विधायको  के अपात्र के मुद्दे पर फैसला ना देकर वह विधानसभा सभा अध्यक्ष के ओर भेज,शिंदे भाजपा सरकार को दिलासा दिया है.और उनकी सरकार स्थिर रखी है.जिस वजह से शिंदे मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे. साथ ही कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को 16 विधायको का फ़ैसला लेने की हिदायत दी है.लेकिन कितने दिनों और समय में फैसला ले ये नही कहां. इसलिए विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर कितने जल्दी 16 विधायको पर फैसला लेंगे और क्या अपने सरकार के प्रति पारदर्शकता दिखा पाएंगे ?

वहीं  ठाकरे गुट के मुद्दों पर कोर्ट ने राज्यपाल हो,या प्रतोदपद भरत गोगावले की नियुक्ति हो,या शिंदे गुट ने जारी किया व्हिप को गैर कानूनी बताया है तथा शिवसेना पार्टी ( ठाकरे) का व्हिप ही लागू रहेगा,ऐसा भी कोर्ट ने कहां है. शिवसेना पार्टी के बारे में अपनी राय देते हुए कोर्ट ने शिंदे गुट को फटकारा कहां,की किसी भी पार्टी पर अपना अधिकार जताया नहीं जा सकता.और इसके आगे की होनेवाली सुनवाई या फैसला 7 न्यायधीशो के बेंच की ओर सौंपा गया है।

रिपोर्टर : मोहम्मद सलीम

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